बीजेपी ने केरल सरकार का नेतृत्व कर रहे लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को तिरुवनंतपुरम नगर निगम के चुनाव नतीजों से हैरान कर दिया है। तिरुवनंतपुरम के नगर निकाय चुनाव में बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए ने शानदार जीत हासिल की है।

केरल की पहली महिला आईपीएस अफसर (रिटायर्ड) आर. श्रीलेखा पर सभी की नजरें टिकी हैं कि क्या बीजेपी उन्हें केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के नगर निगम का नेतृत्व करने का मौका देगी? यह नगर निगम चार दशक से अधिक वक्त तक वामपंथियों का गढ़ रहा है।

बीजेपी ने इस चुनाव में वाम दलों के इस किले को ध्वस्त कर दिया है। इस सप्ताह की शुरुआत में दो चरणों में हुए चुनावों में डाले गए वोटों की गिनती शनिवार को हुई। श्रीलेखा ने तिरुवनंतपुरम नगर निगम के सस्थामंगलम डिवीजन से जीत हासिल की है।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम की जीत पर आया पीएम मोदी का पहला रिएक्शन

पार्टी करेगी फैसला- श्रीलेखा

तिरुवनंतपुरम की महापौर बनने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर श्रीलेखा ने कहा कि इस मामले में पार्टी फैसला करेगी। एनडीए ने सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ को शिकस्त देकर निगम पर लगातार 45 सालों से चल रहे वाम दलों के शासन का अंत कर दिया।

तिरुवनंतपुरम नगर निगम के 101 वार्ड में से बीजेपी को 50, एलडीएफ को 29, यूडीएफ को 19 और दो वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। इस जीत के बाद श्रीलेखा को महापौर बनाने की अटकलें तेज हुई हैं।

तिरुवनंतपुरम में जन्मीं और पली-बढ़ीं श्रीलेखा जनवरी 1987 में केरल की पहली महिला आईपीएस अफसर बनीं। उन्होंने अपने तीन दशकों से अधिक के करियर में राज्य के कई जिलों में पुलिस यूनिट का नेतृत्व किया और सीबीआई, केरल अपराध शाखा, सतर्कता विभाग, अग्निशमन विभाग, मोटर वाहन विभाग और जेल विभाग में भी सेवाएं दीं।

श्रीलेखा को 2017 में पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया और वह केरल में इस पद पर पहुंचने वालीं पहली महिला बनीं। 33 साल से अधिक की नौकरी के बाद दिसंबर 2020 में रिटायर हुईं और अक्टूबर 2024 में बीजेपी में शामिल हुईं।

अखिलेश यादव के ‘PDA दांव’ को फेल करेगी बीजेपी?