देश में ‘जय श्री राम’ के नारे पर इन दिनों खूब हंगामा चल रहा है। वहीं केरल सरकार के निलंबित डीजीपी जैकब थॉमस का कहना है कि ‘देश में इन दिनों दानवी हरकतें ज्यादा हो रही हैं, इसलिए जय श्री राम का नारा ज्यादा लगाने की जरुरत है।’ जैकब थॉमस केरल के त्रिशूर में एक रामकथा कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जैकब थॉमस ने इस दौरान राम को सच्चाई, नैतिकता, न्याय का प्रतीक बताया।

केरल के अट्टापदी इलाके में एक आदिवासी युवक मधु और पलक्कड़ जिले में एक राजनैतिक कार्यकर्ता की हत्या का जिक्र करते हुए जैकब थॉमस ने कहा कि “आज उन मूल्यों को अपनाने और बढ़ाने की जरुरत है, जिनका प्रतिनिधित्व राम किया करते थे।” टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, आईपीएस अधिकारी ने कहा कि “हम एक ऐसा देश नहीं बन सकते, जहां जय श्री राम का नारा लगाने पर पाबंदी हो। यह ऐसा समय है, जब जय श्री राम का नारा और ज्यादा लगाने की जरुरत है।” इतना ही नहीं जैकब थॉमस ने ‘जय श्री राम’ के नारे के साथ ही अपनी बात खत्म भी की।

बता दें कि केरल सरकार ने जैकब थॉमस को भ्रष्टाचार के आरोप में दिसंबर 2017 में निलंबित कर दिया था। जैकब थॉमस पर आरोप है कि उन्होंने साल 2010-11 में बंदरगाह निदेशक पद पर रहते हुए कटर सक्शन में की खरीद में भ्रष्टाचार किया था। हालांकि बीती 30 जुलाई को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) की एर्नाकुलम बेंच ने डीजीपी जैकब थॉमस की बहाली का निर्देश दिया है।

जैकब थॉमस ने ओखी तूफान को हैंडल करने के सरकार के रवैये पर सवाल खड़े किए थे, जिसके बाद उन्हें पद से निलंबित कर दिया गया था। बाद में जैकब थॉमस पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगे। थॉमस का कहना है कि उनका निलंबन ऑल इंडिया सर्विस रूल्स के नियमों के खिलाफ है और इसके चलते उन्होंने याचिका दाखिल की। कैट की बेंच ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि जैकब थॉमस को डीजीपी के बराबर रैंक पर नियुक्ति दी जाए। कैट के फैसले के बाद अब गेंद केन्द्र सरकार के पाले में है। जैकब थॉमस की मांग है कि या तो उन्हें किसी उचित पद पर नियुक्ति दी जाए, या फिर उन्हें वीआरएस दे दिया जाए।