केरल में कुछ समय से ईसाई समुदाय को लुभाने में लगी भारतीय जनता पार्टी ने दावा किया कि राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय का एक पादरी और करीब 50 परिवार पार्टी में शामिल हो गए हैं। भाजपा ने फेसबुक पर एक पोस्ट में जानकारी दी। पार्टी ने जानकारी दी कि दक्षिणी केरल के पत्तनमतिट्टा जिले में ऑर्थोडॉक्स चर्च निलाक्कल भद्रसानम के सचिव फादर शैजू कुरियन समेत करीब 50 ईसाई परिवार शनिवार को केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए।

बीजेपी ने कहा कि केरल कांग्रेस (जैकब) गुट के कई लोग भी शनिवार को मध्य केरल के त्रिशूर जिले में प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो गए। भाजपा ने कहा, ‘‘पिछले एक दशक में मोदी सरकार ने विकास के प्रति मजबूत समर्पण दिखाया है। यह अल्पसंख्यकों को भाजपा का समर्थन करने और पार्टी में शामिल करने के लिए प्रेरित करने की प्रमुख वजह है।’’ पार्टी ने यह भी कहा कि वह इस धारणा को भी खत्म कर रही है कि दुष्प्रचार अल्पसंख्यकों को पार्टी से दूर रख सकता है।

ईसाई समुदाय को जोड़ने के लिए बीजेपी की ‘स्नेह यात्रा’

ईसाई समुदाय के लोगों के भाजपा में शामिल होने का यह मामला तब सामने आया है जब पार्टी ने राज्य में ईसाई समुदाय को जोड़ने के मकसद से अपनी ‘स्नेह यात्रा’ फिर से शुरू कर दी है। पिछले हफ्ते स्नेह यात्रा बहाल करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य के विभिन्न गिरजाघरों के शीर्ष पादरियों से मुलाकात की थी और उन्हें प्रधानमंत्री की ओर से क्रिसमस की बधाई दी थी।

हाल ही के दिनों में विभिन्न गिरजाघरों के कई वरिष्ठ बिशप ने कई मौकों पर भाजपा के समर्थन में बयान दिए हैं लेकिन मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर केंद्र सरकार की कथित चुप्पी को लेकर उनके बीच मतभेद भी पैदा हुए हैं।

राज्य में कांग्रेस पार्टी ने ईसाई समुदाय तक पहुंचने की भाजपा की पहल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह ‘स्नेह यात्रा’ नहीं है बल्कि यीशु के साथ विश्वासघात है। इससे पहले क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर को पीएम मोदी ने अपने आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों से मिलकर उन्हें क्रिसमस त्योहार की बधाई दी थी।