केरल विधानसभा ने सोमवार को लक्षद्वीप प्रशासन की कार्रवाई के विरोध में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया। विपक्षी कांग्रेस यूडीएफ सहित सभी दलों ने पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का समर्थन किया और लक्षद्वीप के प्रशासक को वहां से हटाने की मांग की। बीते कुछ दिनों से लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल के द्वारा प्रस्तावित प्रावधानों का जमकर विरोध हो रहा है। लक्षद्वीप के लोगों को डर है कि इन फ़ैसलों से उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को नुकसान होगा।

सोमवार को केरल विधानसभा में पारित हुए प्रस्ताव में लक्षद्वीप के प्रशासक को बुलाने की मांग की गई और केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया। प्रस्ताव में कहा गया कि प्रफुल पटेल अपने प्रावधानों के जरिए लक्षद्वीप के लोगों के रहन सहन को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और वहां भी भगवा एजेंडा थोपना और कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाना चाहते हैं।

विधानसभा में प्रफुल पटेल के खिलाफ प्रस्ताव पेश किए जाने के दौरान मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि लक्षद्वीप में संघ परिवार के एजेंडे को थोपने की कोशिश कर रहे। वे लोगों की संस्कृति, भाषा, जीवनशैली और खानपान को अपनी विचारधारा के अनुसार बदलने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट द्वारा लक्षद्वीप को गुलाम बनाए जाने की कोशिशों का विरोध किया जाना चाहिए और केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लक्षद्वीप के मूल लोगों की जीवन शैली पर कोई आंच ना आए

इस प्रस्ताव का सभी दलों ने समर्थन किया। केरल विधानसभा में विपक्षी दल के नेता वी डी सतीशन ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया और कहा कि यही संघ परिवार का एजेंडा है और लक्षद्वीप के लोगों पर आदेशों को थोपा जा रहा है। इसलिए प्रशासक को तत्काल हटाया जाना चाहिए. बीते दिनों कई विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल को हटाने की मांग की थी।

बता दें कि लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल पटेल ने नए नियमों की ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी की है. जिसमें बीफ बैन, लोगों की गिरफ़्तारी, भूमि अधिग्रहण और दो अधिक बच्चे वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर पाबंदी जैसे नियम शामिल हैं। इन्हीं विवादित नियमों की वजह से लक्षद्वीप में विवाद हो रहा है। ये सभी नियम फ़िलहाल ड्राफ्ट हैं लेकिन गृह मंत्रालय की मंजूरी मिलते ही कानून बन जाएंगे।