केरल की GST इंटेलिजेंस विंग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए त्रिशूर में 78 ज्वेलरी यूनिट से 108 किलोग्राम बेहिसाब सोना जब्त किया। गुप्त छापों में 1,200 करोड़ रुपये तक के छिपे हुए बिक्री कारोबार का पता चला। अब यह सोना खजाने में है, जिसे जुर्माना और जीएसटी का भुगतान करने के बाद वापस लिया जा सकता है।
केरल में अपनी तरह के पहले ऑपरेशन में, राज्य जीएसटी विभाग की खुफिया शाखा ने जिले और उसके आसपास 78 स्वर्ण आभूषण निर्माण इकाइयों और थोक विक्रेताओं पर रात भर की गई छापेमारी में 108 किलोग्राम बेहिसाब सोना जब्त किया है । टावर ऑफ गोल्ड कोडनेम वाले ये छापे बुधवार शाम करीब 4.30 बजे से गुरुवार सुबह 11 बजे तक चलाए गए।
छापों को गोपनीय रखने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से 700 से अधिक अधिकारियों को एक आनंद यात्रा की आड़ में त्रिशूर लाया गया था। जीएसटी स्पेशल कमिश्नर रेन अब्राहम ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यह छापेमारी कई बड़ी, मध्यम और छोटी यूनिट्स में की गईं। इनमें से एक फर्म के मालिक ने 1,200 करोड़ रुपये के बड़े पैमाने पर बिक्री कारोबार को दबाने की बात कबूल की थी। विभाग पिछले पांच सालों से इन फर्मों द्वारा सोने के बेहिसाब स्टॉक और बिक्री की जांच कर रहा है।
फर्मों को 3% जीएसटी के अलावा 3% जुर्माना और ब्याज देना होगा
जब्त किए गए सोने को अब राजकोष में ट्रांसफर कर दिया जाएगा और फर्म जीएसटी रेट और पेनाल्टी का भुगतान करने के बाद इसे वापस ले सकती हैं। अधिकारियों ने कहा कि फर्मों को 3% जीएसटी के अलावा 3% जुर्माना और ब्याज देना होगा। उन्होंने कहा कि कर की दरें बाजार मूल्य के अनुसार तय की जाएंगी। अधिकारियों ने पहले ही कुछ इकाइयों से जुर्माने के रूप में 5.5 करोड़ रुपये वसूले हैं और वहां से जब्त सोना छोड़ दिया है।
जीएसटी डिप्टी कमिश्नर (खुफिया) दिनेश कुमार ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि छापे छह से सात महीने की खुफिया जानकारी जुटाने और योजना बनाने का नतीजा थे। ऑपरेशन की डीटेल केवल पांच से छह टॉप अधिकारियों के बीच शेयर की गयी थी। उन्होंने कहा कि रेड में हिस्सा लेने वाले कई अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए कोच्चि और त्रिशूर लाया गया था और इसे सीक्रेट रखने की पूरी कोशिश की गयी थी।
इस तरह की गयी छापेमारी
सभी अधिकारियों को निजी पर्यटक बसों और कारों में त्रिशूर के थेक्किंकडु मैदान के थेक्के गोपुरा नाडा क्षेत्र में ले जाया गया और उन्हें अलग-अलग बैचों में छापेमारी के लिए तैनात किया गया था। जबकि कुछ अधिकारी फर्मों में प्रवेश करते थे अन्य कर्मचारियों की निगरानी के लिए बाहर खड़े थे। कुछ अधिकारी बाहर खड़े ऑटोरिक्शा से भी निगरानी रख रहे थे।
जीएसटी डिप्टी कमिश्नर कुमार ने कहा कि जिन फर्मों पर छापा मारा गया था, उनके कुछ कर्मचारियों ने सोना लेकर भागने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा, “हमारे अधिकारियों ने उनका पीछा किया और उन्हें पकड़ लिया। हमने भागने की कोशिश करने वाले एक व्यक्ति से लगभग 6.5 किलोग्राम सोना बरामद किया।” उन्होंने कहा कि 2023 के आंकड़ों के अनुसार, केरल में लगभग 150 टन सोना बेचा जाता है लेकिन अगर आप केरल के टैक्स स्ट्रक्चर को देखें तो पेय पदार्थ, लॉटरी और मोटर वाहन कर जैसे क्षेत्रों का हिस्सा बिक्री कर और जीएसटी संग्रह में बहुत अधिक है।