Kashmiri Shawl Sellers: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उत्तराखंड के मसूरी में शॉल बेचने वाले दो लोगों पर हमला किया गया। ये दोनों लोग कश्मीर के रहने वाले हैं। यह घटना 23 अप्रैल को हुई। इसके बाद कश्मीर से कम से कम 16 शॉल विक्रेता मसूरी छोड़कर चले गए। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि मसूरी की मॉल रोड पर कश्मीरी शॉल और कपड़े बेचने वाले दो लोगों पर हमले की घटना हुई। हमलावरों ने उनसे मसूरी से चले जाने को कहा। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें लोगों को शॉल बेचने वालों को गालियां देते हुए और उन्हें मारते-पीटते हुए देखा जा सकता है।
शॉल बेचने वालों से उनका पहचान पत्र दिखाने को कहा गया और उन्हें धमकी दी गई कि वे यहां से चले जाएं। The Indian Express के मुताबिक, कुपवाड़ा के रहने वाले और शॉल बेचने वाले शब्बीर अहमद डार ने कहा कि वह 18 सालों से मसूरी आ रहे हैं।
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36 साल के डार ने कहा, “हम सर्दियों में देहरादून और गर्मियों में मसूरी जाते हैं। हम मस्जिद के पास रहते हैं और स्थानीय लोगों को लंबे समय से जानते हैं। हमारे साथ मारपीट करने वाले लोग भी इसी इलाके के थे और उन्होंने हमें पहले भी देखा था। हमारे लिए कोई खड़ा नहीं हुआ। कश्मीर में दूसरे राज्यों से आए कई मजदूर हैं लेकिन हमने कभी किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं किया।”
डार ने कहा कि मारपीट वाले दिन कुछ पुलिसकर्मी उनके घर आए और कहा कि वह हमारी मदद नहीं कर सकते। पुलिस कर्मियों ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद कश्मीरियों को धमकियां दी जा रही हैं और इसलिए उनका यहां से चले जाना ही ठीक है।
पुलिस ने क्या कहा?
डार के मुताबिक, हालात को देखते हुए हम परेशान हो गए और वहां से निकल गए। हालांकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने सभी लोगों से जाने के लिए नहीं कहा था बल्कि उन लोगों को सलाह दी थी जिन्होंने पुलिस में अपना रजिस्ट्रेशन या वेरिफिकेशन नहीं कराया था। बताना होगा कि देहरादून पुलिस किराएदारों, दुकानदारों और विक्रेताओं सहित बाहरी लोगों की पहचान करने और उनका रजिस्ट्रेशन करने के लिए वेरिफिकेशन अभियान चला रही है।
डार के साथ 15 और लोग उसी रात देहरादून गए, उसके बाद जम्मू होते हुए वे अपने घर चले गए। डार ने कहा, “हमले के अपराधियों को पकड़ो, हमें नहीं, यह हमारा एकमात्र सहारा है।”
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मसूरी में छोड़ आए 12 लाख रुपए का माल
डार के साथ रहने वाले एक और शॉल विक्रेता जावेद अहमद ने कहा कि वह अपना 12 लाख रुपए का माल मसूरी में छोड़ आए हैं। उनके पिता भी वहां शॉल बेचते थे। पुलिस के मुताबिक, हाल ही में करणी सेना नाम के एक संगठन ने शहर में कश्मीरियों के खिलाफ रैली निकाली थी। 2017 में भी मसूरी में ऐसा हुआ था, जब व्यापारियों के संगठन ने भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के बाद कश्मीरी विक्रेताओं से मसूरी छोड़कर चले जाने के लिए कहा था।
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