Kashmir Pulwama Encounter Terror Attack Updates: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमलों को लेकर भारत के आरोपों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उनका देश स्थिरता चाहता है ना कि आतंकवाद। इमरान ने कहा कि सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के पीछे उनके मुल्क का हाथ नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बिना किसी सबूत के पाकिस्तान सरकार पर आरोप लगाए हैं। इमरान खान के इस बयान को भारत ने खारिज कर दिया है। भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में इमरान के बयान को ‘गुमराह’ करने वाला करार दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नए पाकिस्तान में मंत्री और आंतकी एकसाथ मंच करते हैं साझा, बरगलाना छोड़ो। वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इमरान खान को एक और मौका देना चाहिए। वे कुछ ही समय पहले प्रधानमंत्री बने हैं। इस बीच बाबा रामदेव ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कही।
इमरान ने कहा कि हमें सबूत दीजिए कि इस हमले में पाकिस्तान शामिल था, हम कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ तो वजह होगी कि कश्मीरी नौजवान मौत से नहीं डरते। इमरान ने कहा कि “अगर भारत हमला करता है तो हम जवाब जरूर देंगे। जंग शुरू करना बड़ा आसान है, उसे खत्म करना मुश्किल।” इसके साथ ही पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हुए हमले को आतंकवादी कृत्य मानने से इंकार कर दिया है, साथ ही इस जघन्य कृत्य की न तो निंदा की और न ही पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘ आतंकी हमले से अपना कोई संबंध नहीं होने की बात कहना पाकिस्तान का पुराना बहाना रहा है । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जैश ए मोहम्मद और उस आतंकवादी के दावे को नजरंदाज कर दिया जिसने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्थापित तथ्य है कि जैश ए मोहम्मद और उसका सरगना पाकिस्तान में स्थित है और उस पर कार्रवाई करने के लिये पाकिस्तान के पास पर्याप्त साक्ष्य है ।
वहीं, जम्मू में कर्फ्यू के बीच प्रदर्शन भी हुए। जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट (जेडब्लयूएएम) के अध्यक्ष सुनील डिंपल के नेतृत्व में कार्यकर्ता शहर के न्यू प्लॉट इलाके में सड़क पर जमा हुए और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और पाकिस्तान एवं आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की निंदा वाले पोस्टर ले रखे थे। जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली। कर्फ्यू की परवाह नहीं करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शहर के डोगरा हॉल इलाके में रैली निकाली।
Highlights
योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए उसके खिलाफ युध्द छेड़ना चाहिए और भारत को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) उससे वापस लेना चाहिए तथा इसके अलावा बलूचिस्तान को आजादी दिलाने में मदद करनी चाहिए। योग गुरू ने रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बातचीत की तथा जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआपीएफ के दल पर आतंकवादी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बाबा रामदेव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें पाकिस्तान और आतंकवादियों को जवाब देना है तथा सबसे पहले हमें पाकिस्तान के तीन टुकड़े कर देना चाहिए। बलुचिस्तान में जो आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें आर्थिक, राजनीतिक और हथियारों के तौर पर सभी तरह की मदद करनी चाहिए तथा बलुचिस्तान को आजाद कराना चाहिए। पाकिस्तान ने जो भारत में कब्जा जमाया हुआ है उस पीओके का भारत में विलय कराया जाना चाहिए। वहां जितने भी आतंकवादी शिविर चल रहे हैं उन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत बंद नहीं करेगा ।’’
जम्मू में चार दिन से लगे कर्फ्यू में मंगलवार को चरणबद्ध तरीके से ढील दी गई तो लोगों ने जरूरी सामान खरीदने के लिए बाजारों का रूख किया। पुलवामा आतंकी हमले को लेकर बड़े पैमाने पर पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों और हिंसा की छुटपुट घटनाओं के बाद शुक्रवार को जम्मू कश्मीर की र्सिदयों की राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया था। जम्मू के जिलाधिकारी रमेश कुमार ने शुरुआत में सुबह साढ़े 11 से दोपहर डेढ़ बजे के बीच नवाबाद थाना, जम्मू शहर और पीर पीठा के तहत आने वाले इलाकों में कर्फ्यू में ढील का निर्देश दिया। इसके बाद बस स्टैंड थाना, पक्का डंगा, बक्शी नगर और जानीपुर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में दोपहर तीन से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील का आदेश दिया गया। इसके बाद समूचे दक्षिण कश्मीर में दोपहर साढ़े तीन बजे से शाम सात बजे तक कर्फ्यू में रियायत दी गई।
विदेश मंत्रालय ने इमरान खान के बयान पर करारा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर भारत सबूत देता है तब वह कार्रवाई करेगा... ‘‘ यह व्यर्थ का बहाना है।’’ मंत्रालय ने कहा कि 26:11 आतंकी हमला मामले में भी पाकिस्तान को सबूत सौंपे गए थे लेकिन इसके बावजूद पिछले 10 वर्षो से अधिक समय से उस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई । इसी प्रकार से पठानकोट वायुसेना अड्डे पर आतंकी हमला मामले में भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के ट्रैक रिकार्ड को देखते हुए ‘कार्रवाई करने की गारंटी’ का उसका वायदा खोखला है।’’ मंत्रालय ने कहा कि पड़ोसी देश के प्रधानमंत्री ने नयी सोच पर आधारित ‘नया पाकिस्तान’ का उल्लेख किया है। इस ‘नये पाकिस्तान’ में वर्तमान सरकार के मंत्री वहां पर हाफीज सईद जैसे आतंकवादियों के साथ मंच साझा करते हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान स्वयं को आतंकवाद से पीड़ित होने का दावा करता है जो सचाई से कोसों दूर है । अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान की सचाई से अवगत है जो आतंकवाद का केंद्र है।’’
भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के संदर्भ में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान को ‘गुमराह’ करने वाला करार देते हुए मंगलवार को पाकिस्तान से इस आतंकी हमले को अंजाम देने वालों एवं अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र में अन्य आतंकवादियों एवं आतंकी संगठनों के खिलाफ ‘‘विश्वसनीय एवं प्रमाणिक’’ कार्रवाई करने को कहा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान को खारिज करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्हें इस बात से कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हुए हमले को आतंकवादी कृत्य मानने से इंकार कर दिया है, साथ ही इस जघन्य कृत्य की न तो निंदा की और न ही पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘ आतंकी हमले से अपना कोई संबंध नहीं होने की बात कहना पाकिस्तान का पुराना बहाना रहा है । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जैश ए मोहम्मद और उस आतंकवादी के दावे को नजरंदाज कर दिया जिसने इस जघन्य कृत्य को अंजाम दिया।’’
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बिना सबूत पाकिस्तान पर आरोप नहीं लगा है। भारत के पास पर्याप्त सबूत हैं। हालांकि, इमरान खान को एक मौका देना चाहिए क्योंकि वे हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने हैं।
पुलवामा में आतंकवादी हमले के विरोध में जम्मू शहर में मंगलवार को प्रदर्शन हुए जबकि आतंकवादी घटना के विरोध में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर जम्मू कश्मीर में कर्फ्यू जारी है। जम्मू वेस्ट असेंबली मूवमेंट (जेडब्लयूएएम) के अध्यक्ष सुनील डिंपल के नेतृत्व में कार्यकर्ता शहर के न्यू प्लॉट इलाके में सड़क पर जमा हुए और प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली और पाकिस्तान एवं आतंकवादियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान और आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की निंदा वाले पोस्टर ले रखे थे। जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली। कर्फ्यू की परवाह नहीं करते हुए प्रदर्शनकारियों ने शहर के डोगरा हॉल इलाके में रैली निकाली। उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान ने आतंकवादी युद्ध शुरू किया है।’’ सोमवार को पुलवामा के पिंगलां इलाके में गोलीबारी के दौरान चार सैनिकों समेत एक मेजर और एक पुलिसकर्मी शहीद हो गये जबकि एक ब्रिगेडियर और डीआईजी समेत नौ सुरक्षाकर्मी घायल हो गये।
आध्यात्मिक संगठन माता अमृतानंदमयी मठ पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 जवानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की मदद देगा। जम्मू-कश्मीर में अवंतीपुरा के निकट यह हमला बीते सप्ताह 14 फरवरी को हुआ। माता अमृतानंदमयी देवी (अम्मा) ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ यह हमारा धर्म है कि हम इन बहादुर सिपाहियों के परिवारों की मदद करें जो देश की रक्षा के अपने धर्म का पालन करते हुए शहीद हो गए। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और परिजनों के साथ हैं।’’
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हालिया हमले के षड्यंत्रकारी सहित जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराने पर सुरक्षाबलों की मंगलवार को प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के लिए यह गर्व की बात है कि आतंक रोधी अभियानों का वरिष्ठ अधिकारी खुद नेतृत्व कर रहे हैं। गौरतलब है कि पुलवामा जिले के पिंगलान गांव में सोमवार को 16 घंटे चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने दो पाकिस्तानी नागरिकों सहित जैश ए मोहम्मद के तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। इससे पहले 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमला हुआ था जिसमें 40 जवान शहीद हो गये थे। आतंकवाद रोधी कार्रवाई में एक मेजर सहित सेना के चार जवान शहीद हो गये थे।
निजी क्षेत्र के अपोलो अस्पताल ने पुलवामा में आतंकवादी हमले में घायल सीआरपीएफ जवानों का मुफ्त इलाज करने की पेशकश की है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे जबकि कुछ घायल हो गये थे। अपोलो अस्पताल के चेयरमैन प्रताप रेड्डी ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘हम हमले में घायल केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों को देश भर में अपने सभी अस्पतालों में उनके ठीक होने तक इलाज की मुफ्त सुविधा उपलब्ध कराएंगे।’’ रेड्डी ने देश पर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीद जवानों को श्रद्धाजंलि देते हुये उनके परिवारों के प्रति अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘‘हम आतंकी हमले में मारे गये जवानों के परिवारों को नमन करते हैं जिन्होंने अपनी जान कुर्बान करने वाले ऐसे जाबांज बेटे देश की सेवा में दिये।’’
अध्यात्मवादी माता अमृतानंदमयी मठ ने जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में आत्मघाती हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 40 जवानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये दान में देने की मंगलवार को घोषणा की। उन्होंने बयान में कहा, ‘‘मेरा हृदय उनके परिजनों और प्रियजनों को लेकर भावुक है। हम सभी उनके मन की शांति एवं अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं। देश की रक्षा का अपना धर्म पूरा करते हुए प्राण न्यौछावर करने वाले इन वीर सपूतों के परिजनों की मदद करना हमारा धर्म है।’’
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से अनुरोध किया है कि वह उसके और भारत के बीच तनाव कम करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करें और दोनों देश के बीच वार्ता कराने में मदद करें। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी। कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को ‘‘विचार विमर्श के लिए’’ वापस बुला लिया है। भारत ने पाकिस्तान से सर्वाधिक तरजीही देश का दर्जा वापस लेने और पड़ोसी देश से आने वाले सामान पर सीमा शुल्क 200 प्रतिशत बढ़ाने की शुक्रवार को घोषणा की थी।
शिवसेना ने सरकार को आगाह किया कि देश विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों पर हालिया हमलों की घटनाएं ज्यादा परेशानी खड़ी कर सकती हैं। इसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की याद दिलाई और कहा कि कांग्रेस को आज तक उसके लिए ‘‘भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।’’ शिवसेना ने पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद और भारत-पाकिस्तान संबंधों पर विवादित टिप्पणियां करने वाले कुछ सांसदों- विधायकों पर भी निशाना साधा। पुलवामा हमले पर सरकार पर निशाना साधते हुए पार्टी ने कहा, ‘‘हमारे खुफिया अधिकारी प्रधानमंत्री की जान को खतरा बताने वाले कथित ई-मेल का पता लगा सकते हैं, लेकिन काफिले पर आतंकवादी हमला रोकने में कामयाब नहीं होते।’’ पार्टी ने कहा कि 2014 से पहले मोदी एवं आरएसएस देश में प्रत्येक आतंकवादी हमले के लिए मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार को जिम्मेदार ठहराते थे। शिवसेना ने कहा, ‘‘तो यह समझना होगा कि अगर कोई मौजूदा प्रधानमंत्री से देश से आतंकवाद को उखाड़ फेंकने की उम्मीद करता है तो वह सही है।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के एक दिन बाद शिवसेना ने राजग सरकार से मंगलवार को कहा कि वह ऐसा व्यवहार न करे जिससे ऐसे आरोपों को बल मिले कि वह चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए युद्ध छेड़ने का प्रयास कर रही है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा कि ‘‘राजनीतिक फायदे’’ के लिए दंगों और आतंकवादी हमलों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। पार्टी ने आगाह किया कि ऐसी घटनाओं पर कश्मीर के छात्रों को निशाना बनाए जाने से सरकार के लिए ज्यादा परेशानी खड़ी हो सकती है। उद्धव ठाकरे की पार्टी ने किसी का नाम लिए बिना कहा, ‘‘कुछ समय पहले ऐसे राजनीतिक आरोप लगे थे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव जीतने के लिए छोटे स्तर का युद्ध छेड़ सकते हैं...शासकों को इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए कि इन आरोपों को बल मिले।’’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पुलवामा हमले को लेकर कहा, "भारत बिना सबूत हमारे उपर आरोप लगा है। यदि भारत के पास कोई भी सबूत है, तो हम कार्रवाई करेंगे। कश्मीर में कुछ भी होता है तो भारत हमारे उपर आराेप लगता है। सीआरपीएफ काफिले पर आत्मघाती हमले के पीछे उनके मुल्क का हाथ नहीं है। यह नया पाकिस्तान है, हम स्थायित्व चाहते हैं। कश्मीर में होने वाली हर बात के लिए हमें जिम्मेदार मत ठहराइए। यदि भारत पाकिस्तान पर हमला करता है तो हम भी इसका जवाब देंगे।"
पुलवामा में आतंकवादियों की मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिक श्योराम का मंगलवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। भारतीय सेना के समर्थन में ओर पाकिस्तान के विरोध में लग रहे नारों के बीच शहीद के चार वर्षीय पुत्र ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में एकत्रित हुए ग्रामीणों ने ''श्योराम अमर रहे'', ''पाकिस्तान मुर्दाबाद'' के नारे लगाये।
सुरक्षाबल 14 फरवरी को हुए हमले के बाद से ही जैश के शीर्ष आकाओं का पता लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले के 100 घंटों के भीतर जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व को मार गिराया गया है। कर्नल ने कहा कि सेना नहीं चाहती कि मुठभेड़ों के दौरान कोई नागरिक मारा जाए। सीआरपीएफ के जुल्फिकार हसन ने कहा, "इस हमले के बाद हमारी हेल्पलाइन 14411 पूरे देश में कश्मीरियों की मदद कर रही है। इसके जरिए कई कश्मीरी छात्रों ने संपर्क साधा है। बाहर पढ़ रहे सभी कश्मीरी बच्चों की सुरक्षा फोर्स कर रही है।"
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट में लिखा है, "नवजोत सिंह सिद्धू जी अपने दोस्त इमरान भाई को समझाइए।" सिंह का ये ट्वीट देखते ही लोग उनपर शब्दबाण चलाने लगे। लोग लिखने लगे कि आप भी अपने हाफिज साहब को कुछ समझाइए..वहीं कुछ यूजर्स ने लिखा कि आपको मसूद अजहर ‘जी’ को भी समझाना चाहिए। कुछ यूजर्स ने इमरान खान को भाई लिखने के लिए भी दिग्विजय सिंह की चुटकी ली।
सोशल नेटर्विकंग साइट फेसबुक पर भारत और सीआरपीएफ पर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट करने के आरोप में पुलिस ने मंगलवार को एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ ने बताया कि पकड़ी थानाक्षेत्र के बनकटा गांव के विश्वजीत पांडेय ने फेसबुक पर एक पोस्ट में कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ कहा। साथ ही उसने भारत तथा सीआरपीएफ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी पोस्ट की थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में अंकित उपाध्याय की शिकायत पर कल पकड़ी थाना में विश्वजीत के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 124 ए व 153 ए तथा आईटी कानून की धारा 66 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। देवेंद्र नाथ ने बताया कि पुलिस ने आरोपी विश्वजीत को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। विश्वजीत इंटर का छात्र है।
पाकिस्तान के नागरिक एवं सैन्य नेतृत्व जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे भीषण आतंकवादी हमलों में से एक, पुलवामा हमले के बाद भारत के साथ बढ़े तनाव पर चर्चा के लिए इस हफ्ते मुलाकात कर सकते हैं। मीडिया में मंगलवार को आई एक खबर में यह जानकारी दी गई। इस हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा दिया है और दोनों देशों ने अपने-अपने दूतों को वापस बुला लिया है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, पाकिस्तानी दूत भारत में मौजूदा हालात के बारे में असैन्य अवं सैन्य नेतृत्व को अवगत कराएंगे। खबर में बताया गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा एवं विदेश नीति पर फैसला लेने वाले शीर्ष मंच एवं बेहद शक्तिशाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक इस हफ्ते हो सकती है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे और इसमें सेवा प्रमुखों के साथ ही प्रमुख संघीय मंत्री शामिल होंगे।
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के साथ बढ़े ‘‘तनाव को कम’’ करने के लिए पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को सोमवार को पत्र भेजकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने में उनकी मदद मांगी। उल्लेखनीय है कि कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले में सेना के करीब 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। दोनों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है।
बिहार के समस्तीपुर जिले में एक युवक को पुलवामा में जवानों की शहादत को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने के आरोप में सोमवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक हरप्रीत कौर ने बताया कि ताजपुर क्षेत्र के रहीमाबाद गांव निवासी उक्त युवक का नाम मोहम्मद इमरान है जो कि इंटर पास कर आईटीआई की तैयारी कर रहा है। इमरान पर अपने फेसबुक अकाउंट पर पुलवामा को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट डालने का आरोप है। वहीं, पुर्णिया जिले में फेसबुक पर हिंदुस्तान के बजाय कथित तौर पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लिखे जाने पर एक स्थानीय व्यक्ति की शिकायत पर राजू खान नामक एक युवक के खिलाफ केहाट सहायक थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस और अन्य पार्टियां पाकिस्तान के खिलाफ ‘सख्त कार्रवाई’ का विरोध कर रही हैं और सवाल किया कि क्या राज्य में राष्ट्रीय ध्वज फहराना अपराध है? घोष ने आरोप लगाया , ‘‘ जब पूरा देश पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाने की मांग कर रहा है तब विपक्षी पार्टियां और टीएमसी ने कड़ी कार्रवाई का विरोध किया है।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस आरोप पर कि भाजपा-विहिप-आरएसएस पुलवामा हमले का इस्तेमाल करके राज्य में उपद्रव मचाने की कोशिश रहे हैं, घोष ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि सड़क पर राष्ट्रीय झंडा लहराना क्या बंगाल में अपराध है?’’
पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री सज्जाद गनी लोन ने सोमवार को कहा कि वह कश्मीर में अलगाववादियों से उनकी सुरक्षा वापस लेने के फैसले का "समर्थन नहीं कर सकते’’ और उनके पिता की सुरक्षा "कम" किए जाने के कुछ महीने बाद ही उनकी हत्या कर दी गयी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद सज्जाद लोन के बड़े भाई बिलाल लोन सहित छह अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा रविवार को वापस ले ली गयी थी। सज्जाद लोन ने कहा, ‘‘"यह उनका (सरकार का) फैसला है (अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेना) लेकिन व्यक्तिगत रूप से जहां तक मेरा सवाल है, मैंने अपने पिता को खोया है और मैं इसका समर्थन नहीं कर सकता क्योंकि मैं कभी किसी के खिलाफ हिंसा का समर्थन नहीं करूंगा।"
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पिछले सप्ताह हुए हमले की पृष्ठभूमि में खुफिया विभाग ने गुजरात में भी आतंकवादी हमले की चेतावनी दी है। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गांधीनगर में आयोजित एक बैठक में राज्य पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने नर्मदा जिले में स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सरदार सरोवर बांध और सोमनाथ मंदिर सहित अन्य संवेदनशील जगहों की सुरक्षा के संबंध में शीर्ष अधिकारियों के विचार जाने। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य खुफिया विभाग की ओर से संभावित आतंकवादी हमले की चेतावनी मिलने के बाद गुजरात पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विभाग की ओर से यह चेतावनी 14 फरवरी के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद जारी की गई है। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए हैं।
पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, "मोदी जी, आप कहते हैं कि बातचीत करने का समय बीत गया है। शायद आप सही हों, लेकिन अब कहने के मुताबिक करने का समय है।" उन्होंने 2015 में हुए प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे का हवाला देते हुए कहा, "आप हमसे वादा करिये - अब कोई झप्पी नहीं डालेंगे, अब कोई जन्मदिन का जश्न नहीं होगा।"