भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। पिछले 6 सालों से इन दोनों देशों को एक-दूसरे से जोड़ने वाला कमान पुल बंद था लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि इस पुल को खोलना पड़ा। कमान पुल कश्मीर के बारामुला के उरी सेक्टर में स्थित है। इस पुल को इसलिए खोलना पड़ा क्योंकि एक युवक और युवती के शव को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से वापस लाया जाना था। युवक और युवती ने दो सप्ताह पहले झेलम नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी। युवक की उम्र 22 और युवती की उम्र 19 साल थी।
इनके शव नदी में तैरते हुए एलओसी के एक तरफ से दूसरी तरफ पहुंच गए थे। मतलब कश्मीर से पीओके की ओर। शवों की तलाश के लिए भारतीय सेना ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया था।
सेना के अफसरों के मुताबिक, युवक का शव सबसे पहले भारतीय सीमा में कमान पुल के पास देखा गया था लेकिन नदी के तेज बहाव की वजह से उसे बाहर नहीं निकाला जा सका और वह पाकिस्तान की सीमा में चला गया।
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The Indian Express के मुताबिक, लड़के के शव को पीओके में चिनारी के पास से बरामद किया गया जबकि युवती का शव एक दिन पहले ही नदी के पीओके वाले छोर से बरामद किया गया था।
पुलवामा हमले के बाद से बंद था पुल
शवों को बरामद किए जाने के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार में पाकिस्तान की फौज के अफसरों से संपर्क किया और शवों को वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की और इसका रास्ता यही था कि कमान पुल को खोल दिया जाए। शनिवार को पुल खुलने पर दोनों के शवों को वापस कश्मीर लाया गया। इस पुल को पहली बार 2005 में खोला गया था लेकिन फरवरी 2019 में पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद इसे बंद कर दिया गया था। पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
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हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, डूबी युवती के रिश्तेदार मोहम्मद रफी ने सेना का आभार जताया और कहा कि पंद्रह दिन पहले बच्चे नदी में कूद गए थे। शव एलओसी से आगे निकल गए थे लेकिन अब शव हमें सौंप दिए गए हैं। हम इसके लिए पुलिस और सेना का शुक्रिया अदा करते हैं।
इस पुल का इस्तेमाल पहले कारवां-ए-अमन (शांति का कारवां) बस सेवा के लिए होता था और इससे जम्मू-कश्मीर और पीओके के परिवारों को एक जगह से दूसरी जगह आने-जाने में काफी मदद मिलती थी। इस पुल को खोले जाने के दौरान दोनों ही देशों की सेनाओं के अफसरों ने मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखा।
अब जब यह पल खुल गया है तो इस बात की भी उम्मीद जगी है कि अगर पुल से फिर से आवागमन शुरू हुआ तो सीमा पार से व्यापार भी शुरू हो सकेगा और आने-जाने वालों को भी राहत मिलेगी।
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