Jammu Kashmir Ground Report: जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने के बाद सरकार भले ही वहां हालात स्थिर होने की बात कर रही हो लेकिन खबरों के मुताबिक वहां सबकुछ सामान्य नहीं है। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में तीन दिन के अंदर 21 लोग अस्पताल पहुंच गए हैं। अस्पताल में पहुंचे इन लोगों की आंख में या शरीर में पैलेट गन के घाव है।

श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल के डॉक्टरों और नर्स के मुताबिक 6 अगस्त को तेरह और 7 अगस्त को आठ ऐसे घायलों को इलाज के लिए लाया गया ।गांदेरबल जिले के दो युवाओं की भी आंखों का इलाज चल रहा है। इनमें से एक शख्स ने बताया कि वह बेकरी की दुकान में काम करता है। उसने बताया कि वह अपने दुकान में रोटी बना रहा था। इस दौरान सुरक्षा बल के कुछ लोग आए और बोले कि तुम लोग कश्मीरियों को रोटी खिलाते हो। इन्हें तो जहर देना चाहिए। इतना कहकर उन लोगों ने गोलियां बरसाईं और चले गए।

हालांकि इस शख्स की बात की प्रमाणिक  पुष्टि नहीं की जा रही है लेकिन शख्स को लगा जख्म असली था। शहर के श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल भर्ती लोगों की अपनी कहानी है। हर कोई अपनी दास्तां सुना रहा है। वीडियो में देखिए लोग अपनी आप बीती सुना रहे हैं…

घायलों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्हें चोटें आईं हैं। वहीं कुछ लोगों का कहना है कि हम पर बिना किसी पत्थरबाजी की घटना के पैलेट गन से फायर किया गया। इस संघर्ष में कुछ लोगों की जान भी गई है लेकिन अस्पताल की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है।

एक शख्स की आपबीती कुछ ऐसी है। 7 अगस्त को श्रीनगर के नातीपोरा का 15 साल का नदीम एक और लड़के के साथ ट्यूशन जाने के लिए और पैलेट गन से निकली गोली ने उसकी आंखों से रौशनी छीन ली। उसे चोट लगी है और उसका कहना है कि वह अब अपनी दायीं आंख कुछ देख नहीं सकते है।  कश्मीर में पैलेट गन से घायलों की कहानी नई नहीं है। इससे पहले भी वहां के पैलेट गन से शिकार लोगों की कहानी सामने आती रही है।

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