शहरों से लेकर कस्बों-गांवों तक में करवा चौथ के व्रत को सामूहिक तौर पर मनाने का जोर पिछले कुछ सालों में खूब बढ़ा है। खासतौर पर शहरों में महिलाएं एक जगह एकत्रित होकर एक खासे खुशनुमा माहौल में इसे मनाती हैं। भारतीय परिवारों के साथ हिंदी फिल्मों में भी करवा चौथ के दृश्य खूब फिल्माए गए हैं। फिल्म ‘बाबुल’, ‘यस बॉस’ से लेकर ‘बागवान’ तक करवा चौथ के दृश्य न सिर्फ फिल्माए गए हैं बल्कि इन्हें दर्शकों ने खूब सराहा भी है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला रखती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं सज-संवर कर विधि-विधान से पूजा करती हैं। पूजा के लिए कलश सजाना और पूजा की थाली इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देते हैं। देश के कुछ हिस्सों में इस व्रत की पूजा की थाली को ‘बाया’ भी कहते हैं, जिसमें सिंदूर, रोली, जल और सूखे मेवे रखे होते हैं।
विशेष: करवा की परंपरा में सामूहिकता का झुकाव
यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को रखा जाता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना करते हुए निर्जला रखती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं सज-संवर कर विधि-विधान से पूजा करती हैं।
Written by जनसत्ता

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First published on: 02-11-2020 at 03:02 IST