Karunanidhi Funeral : डीएमके चीफ करुणानिधि की अंतिम यात्रा में समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। विवादों के बीच उन्हें मरीन बीच पर दफनाया गया। करुणानिधि की राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। भारत सरकार ने देशभर में एक दिवसीय शोक घोषित किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश भर की राजनीतिक, फिल्मी सहित अन्य हस्तियां राजाजी हॉल उनके अंतिम दर्शन करने पहुंचीं। राजाजी हॉल के बाहर भारी तादाद में डीएमके समर्थकों की मौजूदगी के कारण भगदड़ मच गई। जिसमें 2 लोगों की मौत भी गई और 40 के करीब लोग घायल हो गए। दरअसल लोगों की बढ़ती भीड़ के चलते पुलिस ने राजाजी हॉल में लोगों की एंट्री बंद कर दी थी, जिससे लोगों में भगदड़ मच गई।
जयललिता की तरह ही करुणानिधि के पार्थिव शरीर को भी दफनाया गया। इसके पीछे की वजह बताते हुए डीएमके के नेताओं का कहना है कि करुणानिधि हमेशा ब्राह्मणवाद के खिलाफ खड़े रहे। यही वजह है कि उनकी मौत के बाद उनके शरीर को दफनाने का फैसला किया गया । गौरतलब है कि इससे पहले द्रविड़ नेताओं जैसे पेरियार, अन्नादुरई, एमजीआर आदि को भी दफनाया ही गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चेन्नई पहुंचकर करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने करुणानिधि के मरीन बीच पर अंतिम संस्कार पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई से इन्कार कर दिया था। यह याचिका रामास्वामी नामक व्यक्ति ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल की थी, जिसमें सरकार के विरोध के बावजूद कोर्ट ने मरीन बीच पर दफनाने की अनुमति दी थी।
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए चेन्नई के राजाजी हॉल में भारी भीड़ जुटी। करुणानिधि का मंगलवार शाम उम्र से संबंधित बीमारियों के कारण निधन हो गया था। करुणानिधि के शव को राजाजी हॉल में लाने से पहले बुधवार तड़के गोवापुरम में उनके घर ले जाया गया था जहां रिश्तेदारों और नेताओं ने उनके दर्शन किए।
आखिरकार डीएमके चीफ करुणानिधि का अंतिम संस्कार हो गया। उन्हें मरीन बीच पर दफनाया गया। अंतिम दर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री से लेकर देश की सभी बड़ी राजनीतिक हस्तियां पहुंचीं।
Congress President Rahul Gandhi at last rites ceremony of #Karunanidhi pic.twitter.com/aOgwpyEJxb
— ANI (@ANI) August 8, 2018
डीएमके चीफ करुणानिधि का शव राजाजी हॉल से मरीन बीच के लिए निकल चुका है। अंतिम यात्रा में समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा। तमाम समर्थक अपने प्रिय नेता की याद में भावुक होकर रोते दिखे।
डीएमके चीफ करुणानिधि की अंतिम यात्रा राजाजी हाल से शुरू। सड़कों पर उमड़ा हुजूम। मरीना बीच पर दफनाया जाएगा शव। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को ठुकराकर मरीन बीच पर करुणानिधि को जगह देने का दिया है फैसला।
मरीन बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया। मद्रास हाईकोर्ट ने करुणानिधि के मरीन बीच पर अंतिम संस्कार की इजाजत दी थी, जिसका सरकार ने विरोध किया था। मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ रामास्वामी नामक शख्स ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, मगर सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया।
तमिलनाडु की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले करुणानिधि के निधन पर तमिलनाडु शोकाकुल नजर आ रहा है। शोक जताने वालों का तांता लगा हुआ है। तमिलनाडु में समर्थक कहीं उत्पात न मचाएं, इसके लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात है।
राजद नेता तेजस्वी यादव और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी एम. करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं। दोनों नेताओं ने करुणानिधि के पार्थिव शरीर पर श्रद्धासुमन अर्पित किए और एमके स्टालिन से मुलाकात की।
एम. करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राजाजी हॉल पहुंच चुके हैं। जहां उन्होंने करुणानिधि के अंतिम दर्शन करने के साथ ही करुणानिधि के परिजन से भी मुलाकात की।
बढ़ती भीड़ के चलते पुलिस ने राजाजी हॉल में लोगों की एंट्री बंद कर दी है। जिसके चलते राजाजी हॉल के बाहर लोगों में भगदड़ मच गई, इस भगदड़ में कुछ लोगों को चोटें भी आयी हैं। कुछ लोग दीवारें फांदकर राजाजी हॉल में घुसने का प्रयास करते देखे गए। एमके स्टालिन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि मैं पार्टी कैडर से शांति की अपील करता हूं। मैं अपने लिए कुछ नहीं चाहता, बस ये चाहता हूं कि कलईनार को एक सम्मानित विदाई दे सकूं।
एम. करुणानिधि के भारतीय राजनीति पर प्रभाव को इसी बात से समझा जा सकता है कि करुणानिधि कभी सांसद नहीं बने, लेकिन उनके निधन पर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है।
एआईएडीएमके नेता जयललिता की तरह ही एम. करुणानिधि को भी दफनाया जाएगा। पेरियार मूवमेंट से जुड़े रहे और डीएमके के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि करुणानिधि हमेशा ब्राह्मणवाद के खिलाफ रहे इस वजह से उनकी मौत के बाद उनके शव को दफनाने का फैसला किया गया है। बता दें कि अधिकतर द्रविड़ नेता जैसे पेरियार, अन्नादुरई और एमजीआर को भी उनकी मौत के बाद दफनाया ही गया था। एआईएडीएमके चीफ जयललिता को दफनाए जाने के पीछे भी यही कारण था, क्योंकि उनके समर्थक उन्हें किसी जाति और धर्म से ऊपर मानते थे।
राजाजी हॉल में डीएमके समर्थकों की भीड़ को कंट्रोल करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। अभी खबर आयी है कि पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग भी किया है।
ममता बनर्जी ने कहा कल वह करुणानिधि जी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर गईं थी। ममता बनर्जी ने कहा कि करुणानिधि एक वरिष्ठ नेता और राजनीतिज्ञ थे। उनका जाना एक बड़ी क्षति है। खबर आयी है कि करुणानिधि के अंतिम संस्कार में टीएमसी की तरफ से पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन चेन्नई जाएंगे।
टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने एम.करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाए जाने के फैसले पर खुशी जतायी है। ममता बनर्जी ने कहा कि 'मैं कल इस बात को लेकर दुखी थी कि सरकार ने उन्हें मरीना बीच पर दफनाने की इजाजत नहीं दी थी। इसके बाद मैंने मुख्यमंत्री को फोन भी किया, लेकिन उनसे बात नहीं हो पायी थी। मैंने इस संबंध में खुद प्रधानमंत्री से भी बात की थी।'
चेन्नई के राजाजी हॉल के बाहर डीएमके समर्थकों का हुजूम उमड़ पड़ा है। डीएमके समर्थक आखिरी बार अपने नेता के दर्शन करने के लिए घंटो कतार में इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि एम. करुणानिधि का शव आखिरी दर्शनों के लिए राजाजी हॉल में रखा गया है
एम. करुणानिधि के अंतिम संस्कार की तैयारियों के लिए डीएमके के समर्थक बड़ी संख्या में मरीना बीच पर पहुंच चुके हैं। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में करुणानिधि को मरीना बीच पर अन्ना मेमोरियल के बराबर में दफनाने की अनुमित दे दी है।
पीएम मोदी और रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने करुणानिधि को अभी थोड़ी देर पहले ही श्रद्धांजलि दी है। अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, दिल्ली के चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पी. विजयन और गवर्नर जस्टिस सदाशिवम, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारास्वामी, तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडु आदि भी करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री ने चेन्नई के राजाजी हॉल पहुंचकर एम. करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने करुणानिधि के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहीं।
एम.करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के बाद आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है। कई शीर्ष नेता करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए चेन्नई पहुंच रहे हैं।
मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एम.करुणानिधि को मरीना बीच पर ही दफनाए जाने की इजाजत देने के बाद करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन भावुक हो गए। इस दौरान परिजनों ने स्टालिन को संभाला।
एम. करुणानिधि के मरीना बीच पर दफनाया जाएगा। मद्रास हाईकोर्ट ने इसकी इजाजत दे दी है। बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने इससे इंकार कर दिया था, जिसके बाद डीएमके ने मद्रास हाईकोर्ट में अपील की थी। इस अपील पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने डीएमके की अपील मान ली है।
एम. करुणानिधि को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर भी करुणानिधि के निधन पर शोक जताया था। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा था कि एम. करुणानिधि के निधन से दुखी हूं, भारत के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक थे।
मरीना बीच पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की भी तैनाती की गई है। बता दें कि मद्रास हाईकोर्ट में एम. करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने के मुद्दे पर सुनवाई चल रही है।
एम. करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने के मुद्दे पर मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी बीच प्रशासन ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की भी तैनाती की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम. करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए सुबह 11 बजे चेन्नई पहुंच सकते हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दोपहर 12.45 बजे तक चेन्नई पहुंचने की उम्मीद है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डीएमके के वकील ने अपनी दलील में कहा है कि तमिलनाडु की 7 करोड़ जनसंख्या में से 1 करोड़ डीएमके के समर्थक हैं। यदि करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह नहीं दी गई तो डीएमके समर्थक नाराज हो सकते हैं।
करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाने के मुद्दे पर मद्रास हाईकोर्ट में हो रही सुनवाई के दौरान डीएमके के वकील ने दलील दी है कि 'अन्ना, जो कि डीएमके के फाउंडर हैं, कहा करते थे कि करुणानिधि मेरी जिन्दगी और आत्मा है। ऐसे में करुणानिधि को गांधी मंडपम में दफनाना ठीक नहीं कहा जा सकता।' डीएमके के वकील ने कहा कि जब आप (राज्य सरकार) राज्य में शोक की घोषणा कर सकते हैं तो फिर उन्हें दफनाने के लिए जमीन क्यों नहीं दे सकते। केन्द्र सरकार के प्रोटोकॉल के तहत ऐसा कोई नियम नहीं है कि मरीना बीच पर पूर्व मुख्यमंत्री को जमीन ना दी जाए।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने दिवंगत द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) नेता एम. करुणानिधि को यहां बुधवार सुबह राजाजी हॉल में श्रद्धांजलि दी। करुणानिधि का यहां मंगलवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल, मत्स्यपालन मंत्रालय के डी. जयकुमार, लोकसभा के उपाध्यक्ष एम. थम्बीदुराई और अन्य नेताओं ने भी दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। 94 वर्षीय करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और 50 साल तक द्रमुक पार्टी के अध्यक्ष रहे।
वीसीके चीफ थोल थिरुमवालावन ने मांग की है कि एम. करुणानिधि को भारत रत्न दिया जाए। साथ ही वीसीके प्रमुख ने कहा कि उनका स्मारक अन्ना समाधि के नजदीक ही बनाया जाए।