कर्नाटक के एक मंदिर में केले पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राज्य के हम्पी मंदिर ने हाथी को ज्यादा खिलाने से रोकने के लिए केले पर प्रतिबंध लगाया है। कर्नाटक के हम्पी में स्थित सातवीं शताब्दी के शिव मंदिर ने परिसर में केले पर यह कहते हुए प्रतिबंध लगा दिया है कि श्रद्धालु मंदिर के हाथी को जरूरत से ज्यादा केले खिला देते हैं और पूजा स्थल पर केले के छिलकों से गंदगी फैलती है।

विरूपाक्ष मंदिर के प्रबंधन ने गुरुवार को बताया कि मंदिर, हाथी और श्रद्धालुओं की बेहतरी के लिये उन्होंने केले पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। मंदिर के बंदोबस्त अधिकारी हनुमंथप्पा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमने देखा कि हाथी को खाना खिलाने के प्रयास में श्रद्धालु अति उत्साही हो जाते हैं, जो न केवल संबंधित हाथी के लिए हानिकारक है बल्कि इससे स्थान भी बहुत गंदा हो जाता है। श्रद्धालु केले के छिलके और यहां तक ​​कि वे प्लास्टिक की थैलियां भी छोड़ जाते हैं, जिनमें वे केले भरकर लाते हैं।’’

मंदिर प्रशासन ने यह भी कहा कि जब से प्रतिबंध की खबरें सामने आई हैं, तब से उन्हें प्रतिबंध के बारे में पूछने के लिए बहुत सारे फोन आ रहे हैं। हनुमंथप्पा ने लोगों से अपील की कि वे केले पर प्रतिबंध को गलत संदर्भ में न लें और इसे विवाद का विषय न बनाएं।

पर्यटक केले खिलाते समय बहुत सेल्फी लेते हैं जिससे हाथी परेशान हो जाता है

अक्सर अति उत्साही पर्यटकों द्वारा केले खिलाते समय हाथी के साथ बहुत ज्यादा सेल्फी लेते हैं जिससे हाथी परेशान हो जाता है। मंदिर बंदोबस्त अधिकारी हनुमंतप्पा ने टीओआई को बताया कि उन्होंने विजयनगर जिला प्रशासन के निर्देश के अनुरूप मंदिर में केले ले जाने पर प्रतिबंध की घोषणा की है।

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हनुमंतप्पा ने कहा कि मंदिर एक पवित्र स्थान है जिसे दक्षिण काशी के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं से मंदिर में स्वच्छता बनाए रखने में प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की।

हम्पी का विरूपाक्ष मंदिर यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त वर्ड हेरिटेज साइट का एक हिस्सा है। मंदिर में एक हथिनी लक्ष्मी रहती है। मंदिर में प्रतिदिन 5,000 से अधिक तीर्थयात्री आते हैं, जो छुट्टियों और वीकेंड के दौरान 50,000 तक हो जाता है। देश-दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ें jansatta.com का LIVE ब्लॉग

(भाषा के इनपुट के साथ)