कर्नाटक के सियासी संकट में हर बार कोई न कोई नया मोड़ देखने को मिल रहा है। कांग्रेस-जेडीएस की सरकार विधायकों के इस्तीफे के बाद स्थिति को संभालने में जुटी है। ऐसे में जेडीएस के नेता जीटी देवगौड़ा ने कांग्रेस से सीएम बनाए जाने की सहमति की ओर इशारा किया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कुमारस्वामी सरकार में शिक्षा मंत्री जीटी देवगौड़ा ने कहा, “यदि सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाने के लिए समन्वय समिति सिफारिश करती है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। कांग्रेस सरकार बचाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने अपने सदस्यों से कह दिया है कि कैबिनेट से कुछ वरिष्ठ लोगों को इस्तीफा देना चाहिए, ताकि दूसरों के लिए भी रास्ता खुले।”

13 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद जेडीएस हर मुमकिन कोशिश कर रही है कि सरकार को गिरने से बचा लिया जाए। इस बीच उस नैरेटिव पर भी गौर फरमाने से गुरेज नहीं है, जिसके तहत कांग्रेस के हाथ में नेतृत्व सौंपने की काफी पहले से आवाज़ उठ रही थी। हालांकि, वर्तमान सियासी उठापटक को देखते हुए बीजेपी भी नज़र बनाए हुए है। बीजेपी का कहना है कि अगर उन्हें मौका मिलता है तो उस सूरत में वे सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। हालांकि, फिलहाल जीटी देवगौड़ा हर शर्त पर डैमेज-कंट्रोल का इशारा कर रहे हैं। गौरतलब है कि जीटी देवगौड़ा ने ही कांग्रेस नेता सिद्धारमैया को चुनाव में पटखनी दी थी।

लेकिन इस बीच कांग्रेस के विधायक एसटी सोमशेखर ने दावा किया है कि सभी 13 बागी विधायकों का इरादा किसी भी सूरत में यू-टर्न का नहीं है। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। लिहाजा, अपने एक्शन पर बाकायदा कायम रहने वाले हैं। एएनआई के मुताबिक सोमशेखर ने कहा, “हम 13 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और राज्यपाल को भी सूचित कर दिया है। हम सभी एक साथ हैं। इसमें कोई सवाल ही पैदा नहीं होता कि हम बेंगलुरु जाएंगे और अपना इस्तीफा वापस लेंगे।”

कांग्रेस व जनता दल (एस) ने राजनीतिक संकट का हल निकालने के लिए बातचीत की बेंगलुरु, सात जुलाई (भाषा) कर्नाटक में सत्तारूढ़ जनता दल (एस)-कांग्रेस गठबंधन के एक दर्जन से अधिक विधायकों के इस्तीफे से उत्पन्न संकट के एक दिन बाद इससे निपटने के लिए दोनों दलों के नेतागण अगले कदम को लेकर गहन विचार विमर्श कर रहे हैं। विधायकों के त्यागपत्र देने से सकते में आई कांग्रेस के विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को एक बैठक बुलाई है जिसमें मौजूदा सियासी चुनौतियों और 12 जुलाई से शुरु हो रहे राज्य विधानसभा के सत्र को लेकर विचार विमर्श किया जायेगा। राजनीति के लिहाज से इस बैठक को अहम माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की अपुष्ट खबरें आ रही हैं कि आने वाले कुछ दिनों में कुछ और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं।

उधर पार्टी प्रमुख देवेगौड़ा के निवास पर जनता दल (एस) खेमे की बैठकों का सिलसिला बना हुआ है। राज्य के पार्टी प्रमुख एचके कुमारस्वामी ने कहा कि इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की गई। जिन तीन विधायकों ने इस्तीफे दिये हैं, उन्हें मनाकर त्यागपत्र वापस लेने के लिए समझाने बुझाने के प्रयास किए गए। सरकार के संकटमोचक माने जाने वाले कांग्रेस के शिवकुमार ने गौड़ा से उनके घर पर मुलाकात करके राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की। गौरतलब है कि कांग्रेस-जद (एस) सरकार उस समय संकट में घिर गई जब गठबंधन के 13 विधायकों ने त्यागपत्र दे दिया। इनमें से 12 लोगों ने शनिवार को ही इस्तीफा दे दिया था। राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 118 विधायक हैं। अगर त्यागपत्रों को स्वीकार कर लिया जाता है तो सरकार के बहुमत खोने का संकट आ सकता है।