ED vs Police: प्रवर्तन निदेशालय से लेकर सीबीआई तक ऐसी केंद्रीय जांच एजेंसियां हैं, जो कि किसी भी मामले में देश के किसी भी मुद्दे पर जांच करने के लिए स्वतंत्र होती हैं लेकिन राजनीतिक विवादों के चलते अब उन्हें भी खूब निशाने पर लिया जाता है। पश्चिम बंगाल में सीबीआई पर एक बार केस दर्ज हो चुका है और अब ईडी के खिलाफ एक और राज्य में केस दर्ज हुआ है और यह केस कर्नाटक पुलिस ने ही दर्ज किया है।

दरअसल, कर्नाटक के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दो अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अपनी इस शिकायत में उन्होंने दोनों ईडी अधिकारियों पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्य के एक पूर्व मंत्री और कुछ अन्य लोगों को इस साल की शुरुआत में सामने आए वाल्मिकी निगम घोटाले में फंसाने के लिए मजबूर करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।

राज्य के अधिकारी ने दर्ज कराई शिकायत

जानकारी के मुताबिक सोमवार को राज्य के समाज कल्याण विभाग के अतिरिक्त निदेशक कलेश बी ने ईडी के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि उन्हें कथित वाल्मिकी घोटाले की जांच के सिलसिले में 16 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होने के लिए कहा गया था और फिर 18 जुलाई को उन्हें कुछ फाइलें लेकर वापस आने को कहा गया।

अधिकारी का आरोप हैं कि फिर ईडी अधिकारियों ने उनसे मुख्यमंत्री और पूर्व मंत्री बी नागेंद्र का नाम लेने को कहा। बता दें कि बी नागेंद्र पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य लोगों का नाम लेने को कहा गया।

सरकार को अस्थिर करना ईडी का मकसद

कर्नाटक के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आरोप लगाया कि ईडी अधिकारी मुरली कन्नन ने उनसे पूर्व मंत्री बी नागेंद्र, सीएम सिद्धारमैया और वित्त विभाग का नाम लेने के लिए कहा और मना करने पर दबाव भी बनाया। कर्नाटक के सरकारी अधिकारी के आरोप मंत्रियों के पिछले सप्ताह मीडिया के सामने मढ़े आरोपों की तरह है।

गौरतलब है कि बीते गुरुवार को ही राज्य के पांच मंत्रियों ने दावा किया कि ईडी वाल्मिकी घोटाले में गिरफ्तार लोगों पर मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाम लेने के लिए दबाव डाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसका मकसद राज्य की चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना था। ऐसे में पुलिस ने ईडी के अफसर मित्तल और कन्न के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच भी शुरू कर दी है।