कर्नाटक के रायचूर जिले में एक पंचायत विकास अधिकारी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में संगठन की वर्दी पहनकर कथित रूप से भाग लेने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। सिरावर तालुक पंचायत में तैनात अधिकारी को राज्य के अधिकारियों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएएस अधिकारी अरुंधति चंद्रशेखर द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि कुमार ने कर्नाटक सिविल सेवा (आचरण) नियम, 2021 के नियम 3 का उल्लंघन किया है। इन नियमों के तहत सरकारी अधिकारियों को राजनीतिक तटस्थता, अनुशासन और उचित आचरण बनाए रखना जरूरी है।

बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कर्नाटक बीजेपी चीफ विजयेंद्र येदियुरप्पा ने निलंबन को सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करके देशभक्ति की भावनाओं पर हमला कहा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “मंत्री प्रियांक खड़गे की धमकियों से भयभीत वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने विभाजनकारी राजनीति को अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है। शुरुआत में, रायचूर जिले के पंचायत विकास अधिकारी और पार्टी विधायक मनप्पा डी. वज्जल के करीबी सहयोगी प्रवीण कुमार के.पी. को आरएसएस शताब्दी समारोह में भाग लेने के कारण निलंबित कर दिया गया है, जो सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके देशभक्ति की भावनाओं पर हमले की शुरुआत है।”

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विजयेंद्र येदियुरप्पा ने आगे लिखा, “यह कुछ और नहीं बल्कि कर्नाटक कांग्रेस पार्टी की द्वेष से प्रेरित विकृत और हिंदू-विरोधी मानसिकता है। आपने सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करना शुरू कर दिया है और हम भी इसे वापस पटरी पर लाने की रणनीति जानते हैं। इस प्रतिशोधात्मक निलंबन को तुरंत माफी मांगकर रद्द किया जाना चाहिए, अन्यथा इस विभाजनकारी राजनीति का मुकाबला करने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था के भीतर संवैधानिक तरीकों से उचित जवाब दिया जाएगा। देश पर आपातकाल थोपने और लोकतांत्रिक व्यवस्था का गला घोंटने के लिए बदनाम कांग्रेस अब कर्नाटक में भी उसी राह पर चल रही है। इतिहास गवाह है कि अगर विभाजनकारी राजनीति और तानाशाही प्रवृत्तियों का प्रदर्शन किया जाए, तो इस देश की जनता उन्हें धूल चटा देगी, जैसा कि इतिहास के पन्ने गवाह हैं।”

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