High Court on RSS: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रतिनिधियों से कहा कि वे दो नवंबर को कलबुर्गी जिले के चित्तपुर में अपना पथ संचलन आयोजित करने की अनुमति मांगने के लिए एक नया आवेदन दायर करें। न्यायमूर्ति एमजीएस कमल ने यह बात तब कही, जब याचिकाकर्ता ने अदालत में कहा कि वह दो नवंबर को पथ संचलन करने का इरादा रखता है, क्योंकि अधिकारियों ने रविवार के लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
आरएसएस की ओर से अशोक पाटिल द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय की एक विशेष पीठ गठित की गई थी। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या किसी वैकल्पिक तिथि या समय पर मार्च आयोजित करना संभव होगा, जिस पर याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि दो नवंबर उपयुक्त होगा।
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फिर से करना होगा आवेदन
हाई कोर्ट ने कहा है कि प्रस्तुतियों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता को मार्ग, स्थान और समय के विवरण के साथ एक नया आवेदन प्रस्तुत करना होगा, साथ ही पहले उठाए गए प्रश्नों के उत्तर भी देने होंगे, आवेदन कलबुर्गी जिले के उपायुक्त को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी एक प्रति तालुका कार्यकारी मजिस्ट्रेट और पुलिस को दी जाएगी।
अधिकारियों से आवेदन पर विचार करने और 24 अक्टूबर को अदालत में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। इस याचिका में गुण-दोष के आधार पर कोई आदेश पारित नहीं किया गया है और रिपोर्ट प्राप्त होने पर उस पर विचार किया जाएगा।
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मंत्री ने किया था विरोध
इस याचिका में शुरू में अधिकारियों को रविवार को पथ संचलन आयोजित करने की अनुमति मांगने वाले आवेदन पर विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। आज सुनवाई के दौरान एक अंतरिम आवेदन (आईए) दायर किया गया, जिसमें याचिका में संशोधन की मांग की गई तथा अदालत को सूचित किया गया कि प्राधिकारियों ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
मंत्री प्रियंक खरगे के गृह क्षेत्र चित्तपुर में अधिकारियों ने शांति और कानून व्यवस्था भंग होने की आशंका का हवाला देते हुए रविवार को आरएसएस के पथ संचलन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।