Karnataka News: कर्नाटक की विजयपुरा सीट से विधायक और बीजेपी से निष्कासित बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से सड़कों, फुटपाथों और सरकारी परिसरों में बिना पूर्व अनुमति के नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया। उनकी यह मांग कर्नाटक मंत्रिमंडल द्वारा कथित तौर पर आरएसएस की गतिविधियों पर रोक लगाने के बाद आई है।

बीजेपी से निष्कासित बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने सिद्धरमैया को लिखे पत्र में कहा कि सरकार के हालिया फैसले से निजी संगठनों और गैर-सरकारी संस्थाओं को सरकारी संपत्तियों, शैक्षणिक संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों का निजी या संस्थागत उद्देश्यों के लिए उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया है।

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बीजेपी नेता ने लेटर में क्या लिखा?

बीजेपी के पूर्व नेता ने कहा कि तटस्थता और निष्पक्षता के समान सिद्धांत को समाज के सभी वर्गों में समान रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस पत्र में लिखा गया है कि हमने लोगों को सक्षम अधिकारियों से उचित अनुमति लिए बिना सार्वजनिक सड़कों और सरकारी परिसरों में नमाज होते देखी है।

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इसमें आगे कहा गया है कि ऐसी गतिविधियां वाहनों और पैदल यात्रियों की आवाजाही में बाधा उत्पन्न करती हैं, जनता को असुविधा पहुंचाती हैं और पैदल यात्रियों को खतरे में डालती हैं, जिससे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के तहत नागरिकों के स्वतंत्र आवागमन और सुरक्षा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है।

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क्या-क्या दिए तर्क?

उन्होंने तर्क दिया कि सरकारी कार्यालयों या अन्य सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में नमाज अदा करने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं होना चाहिए। यतनाल ने कहा, ‘‘सार्वजनिक संपत्ति पर अन्य संगठनात्मक गतिविधियों को प्रतिबंधित करते हुए ऐसी गतिविधियों की अनुमति देना चुनिंदा तरीके से प्रवर्तन के समान है और शासन की विश्वसनीयता को कम करता है।”

उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से राज्य भर के सभी उपायुक्तों और पुलिस आयुक्तों को उचित निर्देश जारी करने का अनुरोध किया ताकि बिना पूर्व आधिकारिक अनुमति के सड़कों, फुटपाथों या सरकारी परिसरों में नमाज अदा न की जाए।

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