सड़क दुर्घटना को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री गोविंद करजोल का अजीबोगरीब बयान आया है। करजोल ने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं खराब सड़कों के कारण नहीं होती हैं। हादसों का कारण सड़की की स्थिति का बेहतर होना है।
उप मुख्यमंत्री का यह बयान मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन के बाद बढ़े हुए जुर्माने के संदर्भ में आया है। राज्य के चित्रदुर्ग में उप मुख्यमंत्री ने एक रिपोर्ट से कन्नड में कहा कि हर साल राज्य में 10 हजार सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। मीडिया इसके लिए खराब सड़कों को जिम्मेदार ठहराता है लेकिन मेरा मानना है कि ऐसा अच्छी सड़कों के कारण होता है।
करजोल ने कहा कि अधिकतर दुर्घटनाएं हाईवे पर होती हैं। मैं भारी जुर्माना लगाए जाने के पक्ष में नहीं हूं। हम कैबिनेट की बैठक के दौरान जुर्माने की राशि को संशोधित करने के बारे में फैसला लेंगे। मालूम हो कि गुजरात और उत्तराखंड के बाद भाजपा शासित कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा ने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर लगने वाले जुर्माने की राशि में कटौती करने का आग्रह किया है।
कर्नाटक में भाजपा की सरकार बनने पर राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने गोविंद करजोल, अश्वनाथ नारायण और लक्ष्मण सावडी को उप मुख्यमंत्री बनाया था। इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने गुजरात की तर्ज पर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगने वाले जुर्माने में कमी के आदेश दिए हैं। राज्य के एक अन्य मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री लक्ष्मण सावडी ने कहा कि राज्य की तरफ से कर्नाटक की तरफ से किए गए बदलाव की जानकारी मांगी गई है।
उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि आम लोगों पर जुर्माने की राशि का भार न पड़े। भले ही हमें इसके लिए अतिरिक्त फंड की व्यवस्था करनी पड़े। हमारा इरादा आम लोगों की मदद करने का है। तीन -चार दिन के भीतर हमें बदलाव दिखेगा और हम आवश्यक कदम उठाएंगे।
इसे पहले केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि नए कानून से लोगों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने के प्रति डर पैदा होगा। इसके साथ ही इंटेलिजेंस ट्रैफिक सिस्टम ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन किए जाने की निगरानी करेगा। हालांकि बुधवार को केंद्रीय मंत्री ने यह स्वीकार किया कि राज्य सरकारों के पास जुर्माने की राशि को कम करने का अधिकार है लेकिन राज्यों को इसके पड़ने वाले प्रभावों के बारे में भी ध्यान रखना होगा।