Karnataka News: कर्नाटक राज्य ठेकेदार संघ (केएससीए) ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि मौजूदा कांग्रेस सरकार के तहत कई विभागों में किए गए काम का भुगतान पाने के लिए ‘कमीशन’ पिछली बीजेपी सरकार की तुलना में ‘‘दोगुना’’ हो गया है। केएससीए ने राज्य सरकार पर लगभग दो वर्षों से ठेकेदारों का लंबित बकाया जारी करने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

ठेकेदार संघ ने 25 सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा है कि बार-बार आश्वासन के बावजूद विभिन्न जिलों के ठेकेदारों को अब तक कोई राहत नहीं मिली है। संघ की तरफ से कहा गया कि सार्वजनिक निर्माण कार्य करने वाले आठ विभागों ने भुगतान रोक रखा है और ‘‘विशेष ऋण व्यवस्था’’ के तहत हर तीन महीने में केवल 15-20 प्रतिशत बकाया राशि जारी कर रहे हैं।

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याद दिलाया कांग्रेस पार्टी का चुनावी वादा

केएससीए के अध्यक्ष आर मंजूनाथ और महासचिव जी एम रवींद्र द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया है कि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस द्वारा हमें आश्वासन दिया था कि सत्ता में आने पर, ठेकेदारों के लंबित भुगतान बिना किसी कमीशन के जारी किए जाएंगे लेकिन, पिछली सरकार की तुलना में, अब सभी विभागों में कमीशन दोगुना हो गया है।

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कांग्रेस ने लगाए थे 40 प्रतिशत कमीशन के आरोप

केएससीए द्वारा लगाए गए ‘40 प्रतिशत कमीशन’ के आरोप ने कर्नाटक की राजनीति को हिलाकर रख दिया था और 2023 के विधानसभा चुनावों में भाजपा से सत्ता छीनने के लिए कांग्रेस के लिए यह एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बन गया था।

केएससीए ने कांग्रेस सरकार से 32,000 करोड़ रुपये के लंबित बिलों को जारी करने का आग्रह किया है। ठेकेदार संघ के आरोपों को लेकर राज्य सरकार या सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।