कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) मामले में हाई कोर्ट का रुख करेंगे। कांग्रेस पार्टी ने विपक्षी भाजपा के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है और उस पर राजनीतिक प्रतिशोध लेने के लिए राज्यपाल के कार्यालय का उपयोग करने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री के एक वरिष्ठ कानूनी सलाहकार ने कहा कि सरकार राज्यपाल के आदेश को रद्द करने की मांग करना चाहती है। उन्होंने कहा, “हमें यकीन नहीं है कि राज्यपाल ने किन परिस्थितियों में आदेश दिया है। वह एक वरिष्ठ राजनेता थे जिन्हें पता होना चाहिए था कि उनके आदेश कानून की जांच में टिक नहीं पाएंगे। हम अदालत के समक्ष अपना मामला पेश करेंगे और आदेश को रद्द करवाएंगे।”

कांग्रेस विधायक दल की हुई बैठक

वहीं सिद्धारमैया ने 22 अगस्त को विधानसभा सम्मेलन हॉल में कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक बुलाई। कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खड़गे ने कहा कि पार्टी के सदस्यों को घटनाक्रम के बारे में जानकारी देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “चूंकि राज्यपाल की भूमिका को लेकर भारी हंगामा है, इसलिए हमें अपने लोगों को अवगत कराने की जरूरत है। 136 विधायकों को यह जानने की जरूरत है कि क्या हो रहा है।”

वहीं राज्यपाल की मंजूरी के खिलाफ उपमुख्यमंत्री और केपीसीसी अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने 19 अगस्त को होने वाली राज्यव्यापी विरोध रैलियों की घोषणा की। उन्होंने कहा, “रैलियां राज्य भर के सभी जिला मुख्यालयों में आयोजित की जाएंगी। सभी पार्टी नेता और कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।”

MUDA: नेतृत्व में बदलाव नहीं करेगी कांग्रेस, सीएम सिद्धारमैया के साथ क्यों खड़ी है पार्टी?

शिवकुमार ने राज्यपाल के फैसले की निंदा की और इसे कर्नाटक में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा द्वारा राजनीति से प्रेरित प्रयास बताया। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसका विरोध करेंगे। हमने अपनी पार्टी के नेताओं को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि असामाजिक तत्व रैलियों में घुसपैठ न करें और परेशानी पैदा न करें।”

क्या है MUDA स्कैम?

विपक्ष का आरोप है कि सीएम की पत्नी को मुआवजा देने के लिए महंगे इलाके में जगह आवंटित की गई थी। आरोपों के जवाब में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि यह आवंटन 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान ही किया गया था। मुडा कर्नाटक की एक राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है, जिसका गठन मई 1988 में किया गया था। मुडा का काम शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण शहरी बुनियादी ढांचे को उपलब्ध कराना, किफायती आवास उपलब्ध कराना, आवास आदि का निर्माण करना है।