कर्नाटक के विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया है। इसके अलावा स्पीकर ने उन्हें 2023 तक यानी मौजूदा विधानसभा के कार्यकाल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन विधायकों में आर. शंकर, रमेश जरकीहोली और महेश कुमथल्ली के नाम हैं। निर्दलीय विधायक आर शंकर पहले गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे थे, बाद में उन्होंने समर्थन वापस ले लिया था। स्पीकर के मुताबिक तीनों अयोग्य विधायक 15वीं विधानसभा भंग होने का बाद ही चुनाव लड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि यदि अध्यक्ष इस्तीफा स्वीकार नहीं करते हैं तो विधायक विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे और सदन की ताकत 225 रहेगी, जिसमें एक नामित सदस्य भी शामिल होगा। लेकिन आज के तीन विधायकों के अयोग्य करार देने के बाद विधानसभा के सदस्यों की संख्या 222 हो गई है और बहुमत का आंकड़ा अब 112 हो गया है।
कर्नाटक में कांग्रेस-जदएस के गठबंधन वाली कुमारस्वामी सरकार ने 23 जुलाई को विश्वासमत खो दिया था। विधानसभा में विश्वासमत हारने के बाद मंगलवार को कांग्रेस-जद (एस) की 14 माह पुरानी सरकार गिर गई। इसके बाद मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया। विधानसभा में शक्ति परीक्षण में कुमारस्वामी को भाजपा के 105 मतों के मुकाबले 99 वोट ही मिले।
कुमार ने कहा कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य करार दिए गए सदस्य ना तो चुनाव लड़ सकते हैं, ना ही सदन का कार्यकाल खत्म होने तक विधानसभा के लिए निर्वाचित हो सकते हैं।
कुमार ने कहा कि वह मानते हैं कि तीनों सदस्यों ने स्वेच्छा और सही तरीके से इस्तीफा नहीं दिया और इसलिए उन्होंने उन्हें अस्वीकार कर दिया और दल-बदल कानून के तहत उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई की ।
कुमार ने कहा, ‘‘उन्होंने संविधान (दलबदल विरोधी कानून) की 10 वीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन किया और इसलिए अयोग्य करार दिए गए।’’
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कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया है। इन विधायकों में आर. शंकर, रमेश जरकीहोली और महेश कुमथल्ली के नाम हैं।
कर्नाटक बीजेपी नेताओं के एक दल ने अमित शाह से मुलाकात की और कर्नाटक में सरकार बनाने को लेकर चर्चा की। यह मुलाकात दोपहर के बाद हुई। जगदीश शेट्टर, अरविंद लिंबवानी, बासवराज बोम्मई ने अमित शाह से मिले और कर्नाटक में सरकार बनाने के विकल्पों पर चर्चा की।
सिद्धारमैया का कहना है कि उनपर झूठे आरोप लगाए गए हैं, मैंने लोगों की सेवा के लिए विष पिया है, यह पहली बार नहीं है जब ऐसा आरोप लगाया गया है, इससे पहले भी और आगे भी मुझ पर आरोप लगाए जाएंगे।
कर्नाटक में राजनीतिक संकट के बीच जनता दल सेक्यूलर के बागी विधायक एच. विश्वनाथ के बेटे अमित विश्वनाथ ने कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात की। यह मुलाकात येदियुरप्पा के निवास पर हुई।
कांग्रेस और जदएस के 15 बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए हैं। इन विधायकों ने राज्य विधानसभा से उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिका के संबंध में स्पीकर के सामने पेश होने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है। स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि अयोग्यता की मांग वाली याचिका के संबंध में कार्यवाही चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं कानून के अनुसार फैसला करूंगा। केवल संविधान और कानून का पालन करूंगा।’’
राज्य की गठबंधन सरकार गिरने के एक दिन बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दोनों दलों में इसे लेकर अभी बातचीत होनी है। कांग्रेस के साथ गठबंधन जारी रखने के सवाल पर कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘देखते हैं...मुझे नहीं पता। भविष्य को लेकर मुझे कांग्रेस नेताओं का रुख पता नहीं है.... हमने अभी तक कोई चर्चा नहीं की है।’’
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के बागी विधायकों को अपनी याचिका वापिस लेने की अनुमति दे दी है। इससे पहले राज्य के दो निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को न्यायालय से अपनी याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। इन विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान कराने का विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को निर्देश देने का अनुरोध किया था।
कर्नाटक में सरकार के विश्वासमत में असफल रहने के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस नेता रामलिंगा रेड्डी के साथ मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस विधायक सौम्या रेड्डी भी मौजूद थीं।
कर्नाटक के भाजपा नेताओं ने शाह से सुबह मुलाकात की। कर्नाटक भाजपा के नेता जगदीश शेट्टार ने कहा कि हमने राज्य की राजनीतिक स्थिति को लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात की। वे हम लोगों से दोपहर में फिर 3 बजे मुलाकात करेंगे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी द्वारा विधानसभा में पेश विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान के लिये शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले राज्य के दो निर्दलीय विधायकों ने बुधवार को न्यायालय से अपनी याचिका वापस लेने का अनुरोध किया। इन विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव पर तत्काल मतदान कराने का विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार को निर्देश देने का अनुरोध किया था।
भाजपा सूत्रों के अनुसार, पार्टी का नेतृत्व वैकल्पिक सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने से पहले कांग्रेस, जदएस के बागी विधायकों के इस्तीफों और उन्हें अयोग्य ठहराने की याचिकाओं पर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रहा है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘पार्टी नेतृत्व से अभी कोई संकेत नहीं मिले हैं। मीडिया में केवल अटकलें चल रही हैं। संभावना है कि भविष्य में किसी र्शिमंदगी से बचने के लिए पार्टी नेतृत्व बागी विधायकों के इस्तीफों पर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रहा हो।’’
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने आरोप लगाया है कि भाजपा द्वारा ‘‘खरीद- फरोख्त’’ करने और ‘‘सत्ता का दुरुपयोग’’ करने के कारण कांग्रेस- जद (एस) की गठबंधन सरकार गिरी है। येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘गठबंधन में जो भी तनाव रहे हों, कर्नाटक में खरीद - फरोख्त और सत्ता के दुरुपयोग को सबने देखा। शुरू से जब भाजपा ने इस सरकार को बनने से रोकने का प्रयास किया और अब तक यह पूरी तरह राजनीतिक अनैतिकता और धन शक्ति का प्रदर्शन रहा।’’
मायावती ने कर्नाटक में अपने एकमात्र विधायक को पार्टी से निकाल दिया। विधानसभा में मंगलवार को विश्वास मत के दौरान एच डी कुमारस्वामी सरकार के समर्थन में वोट देने के पार्टी के निर्णय का ‘‘उल्लंघन’’ करने के लिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने बुधवार को राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) के पद से अपना इस्तीफा कर्नाटक के राज्यपाल को सौंपा। विधानसभा में गठबंधन सरकार के विश्वास मत खोने के एक दिन बाद कामत ने इस्तीफा दिया है। कांग्रेस - जद(एस) सरकार ने 2015 में सुप्रीम कोर्ट में राज्य के प्रतिनिधित्व के लिए कामत को एएजी पद पर नियुक्त किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा, ‘‘निजी कारणों से, मैं एएजी पद से अपना इस्तीफा देना चाहता हूं।’’