कन्नौज रेप मामले में नवाब सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं, उसका डीएनए सैंपल मैच हो गया है। सपा के पूर्व नेता पर आरोप तो पहले ही लग गए थे, जिस संदिग्ध स्थिति में उसे पकड़ा गया था, उसके बाद से ही उस पर गंभीर सवाल उठ रहे थे। अब क्योंकि डीएनए सैंपल भी मैच हो गया है, मामले की जांच और तेज होने जा रही है।

नवाब सिंह की बढ़ी मुश्किलें

बड़ी बात यह है कि इस मामले में रेप की पुष्टि भी हो गई है, ऐसे में नवाब सिंह के खिलाफ पॉक्सो के तहत चार्जशीट दायर होगी। वैसे इसी मामले में दूसरी आरोपी पीड़िता की बुआ है क्योंकि वही उसे नवाब सिंह के पास लेकर आई थी। इस मामले में बीजेपी लगातार सपा पर हमलावर है, आरोप लग रहा है कि पार्टी ने आरोपियों को संरक्षण देने का काम किया है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी का दावा है कि नवाब से उनका कोई नाता नहीं।

कौन हैं नवाब सिंह यादव?

कौन है नवाब सिंह?

जानकारी के लिए बता दें कि नवाब सिंह यादव कन्नौज जिले के कटरी के अंडगापुर गावं से संबंध रखता है। उसका सियासी सफर छात्र राजनीति से शुरू हो गया था। साल 1997 में वो सपा के छात्र संगठन लोहिया वाहिनी के साथ में आ गया था। पार्टी ने उसे उस समय लोहिया वाहिनी का जिलाध्यक्ष भी बना दिया था। सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने साल 1999 में पहली बार अपना चुनाव कन्नौज से ही लड़ा। इसके बाद नवाब उसके संपर्क में आया।

अखिलेश यादव से क्या कनेक्शन?

लोहिया वाहिनी का जिलाध्यक्ष होने के नाते उसने जमीनी स्तर पर अपनी काफी अहम भूमिका निभाई। 2006 में नवाब सिंह ब्लॉक प्रमुख के तौर पर चुना गया। जब 2007 में मायावती सीएम की कुर्सी पर काबिज हुईं तो नवाब के खिलाफ कई सारे केस दर्ज किए गए थे। 2012 में जब अखिलेश यादव ने सीएम की कुर्सी संभाली तो नवाब का राज शुरू हो गया था।