गोवा के पर्यावरण एवं वन मंत्री राजेंद्र अर्लेकर का कहना है कि बोलने की आजादी के बहाने अगर कन्हैया जैसा कोई भी इंसान कुछ भी कहता है तो इसे सहन नहीं किया जाएगा। अर्लेकर ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर कोई यह सोचता है कि हमारे पास बोलने की आजादी है और हम कुछ भी बोल सकते हैं। ये सहन नहीं किया जाएगा।’ मंत्री पणजी में नेहरू युवा केंद्र के समोराह में संबोधित कर रहे थे।

अर्लेकर ने कहा, ‘यह बोलने की आजादी का कैसा मतलब है? क्या इसका मतलब है कि आप कुछ भी बोल सकते हैं? समारोह के बाद मैं सड़क पर सभी लोगों को गालियां देते हुए जाउंगा। क्या ये मेरी बोलने की आजादी है? क्या दूसरे लोगों के अधिकारों की रक्षा की जाती है? बोलने की आजादी दूसरे लोगों के अधिकारों से जुड़ी हुई है।’

मंत्री ने कहा कि भारतीय युवाओं का एक हिस्सा राष्ट्र को आगे रखकर नहीं चलता और आजादी का गाना गाता रहता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत की बात की जाए, तो आप बोलने की आजादी का इस्तेमाल करके आजादी नहीं मांग सकते। यह कौनसी आजादी है? आप किससे आजादी चाहते हैं ? हिंदुस्तान से आजादी?

गौरतलब है कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किए जाने के बाद देशभर में विचारों की आजादी को लेकर बहस छिड़ गई थी। जहां कुछ लोग कन्हैया के भाषण को बोलने की आजादी से जोड़ रहे थे, तो वहीं कुछ लोग इसे देशद्रोह करार दे रहे थे।