यूपी के कैराणा से हिंदुओं के पलायन करने का दावा करती एक लिस्ट दिखाने वाले बीजेपी सांसद हुकुम सिंह अपनी बात को दूसरे ढंग से कह रहे हैं। हुकुम सिंह ने अब कहा है कि उनके द्वारा उठाई गई बात ‘हिंदु-मुस्लिम’ का मुद्दा नहीं है। हुकुम सिंह ने कहा है कि उनके कार्यकर्ताओं से कुछ गलतियां हो गई जिसकी वजह से ऐसी लिस्ट सामने आई।

सोमवार (13 जून) को हुकुम सिंह ने पास के गांव कंधला के भी 63 नामों की लिस्ट दी। उन्होंने कहा, ‘गलती से मेरी टीम के लोगों ने सिर्फ हिंदू लोगों का नाम दिखा दिया। मैंने इसे बदलने को कहा है। मैं अपनी बात पर टिका हुआ हूं कि यह मुद्दा सांप्रदायिक नहीं है। बात सिर्फ उन लोगों की है जिन्होंने किसी ना किसी दबाव में आकर कैराणा छोड़ दिया है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वह लिस्ट को दोबारा से चैक करें। इससे लिस्ट में और नए नाम सामने आएंगे।’

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इससे पहले हुकुम सिंह ने 346 लोगों की एक लिस्ट दिखाई थी जिसके हवाले से कहा गया था कि वे सभी हिंदू लोग मुस्लिम बहुल इलाके कैराणा से घर छोड़कर जाने को मजबूर हुए हैं। हालांकि, बाद में लिस्ट में कई खामियां देखने को मिली। इसमें कई नाम ऐसे हैं जो मर चुके हैं, वहीं कुछ लोगों ने 10 साल पहले कैराणा छोड़ दिया था। साथ ही कई लोग नौकरी या बच्‍चों की शिक्षा के चलते बाहर चले गए। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया था कि 346 हिंदू मुसलमानों की धमकियों और गुंडागर्दी से परेशान होकर कैराणा छोड़ गए।

इंडियन एक्‍सप्रेस ने इस लिस्‍ट में 22 नामों का पता लगाया। इनमें से पांच मर चुके हैं। चार अच्‍छे अवसरों की तलाश में कैराणा छोड़कर गए, 10 परिवार 10 साल पहले गए जबकि तीन परिवार स्‍थानीय अपराधियों के डर से बाहर चले गए।

कैराणा के मुद्दे को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने इलाहबाद में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी उठाया था। उन्होंने कहा था, ‘कैराणा को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। यह हैरान कर देने वाला मामला है। ‘