बॉलीवुड के दिग्गज अदाकार कबीर बेदी ने अपनी आत्मकथा में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके छोटे भाई संजय गांधी के साथ अपनी दोस्ती के बारे में कई बातें लिखी हैं। किताब में उन्होंने बताया है कि राजीव गांधी ने एक बार उन्हें अपना पीएम दफ्तर दिखाया था और कहा था कि उन्हें समझ नहीं आता वे यहां कैसे फंस गए।
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के ‘इनसाइड ट्रैक’ में छपे कूमी कपूर के लेख के अनुसार कबीर बेदी गांधी परिवार के बेहद करीब थे। बेदी ने इस बात का खुलासा अपनी आत्मकथा “स्टोरीज आई मस्ट टेल” में किया है। उन्होंने बताया कि वह राजीव और संजय गांधी को बचपन से जानते थे। वे जर्मन महिला एलिजाबेथ गौबा द्वारा संचालित एक नर्सरी स्कूल में साथ में पढ़ते थे।
राजीव और संजय तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के पोते थे, ऐसे में बेदी को तीन मूर्ति हाउस में आसानी से प्रवेश मिल जाता था। गणतंत्र दिवस परेड में वे आंटी इन्दिरा गांधी के साथ सबसे अच्छी सीटों पर बैठते थे। बेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री बनने के छह महीने बाद वे आखिरी बार राजीव गांधी से मिले। तब अपना पीएम का दफ्तर दिखाते हुए राजीव ने उनसे कहा, “मैं यहां कैसे फंस गया यार?
रिपोर्ट के मुताबिक सेंट स्टीफंस कॉलेज की ड्रामेटिक्स सोसायटी में बेदी की एक्टिंग को ज्यादा तवज्जोह नहीं दी जाती थी। इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि उन्हें जूलियस सीज़र प्रोडक्शन में कास्का की भूमिका में लिया गया था, जबकि कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सीज़र की मुख्य भूमिका निभाई थी।
हालांकि सिब्बल ने उस भूमिका को इतनी बुरी तरह निभाया था कि छात्र मैगज़ीन ने सिब्बल के प्रदर्शन का मज़ाक उड़ाते हुए लिखा था कि सीज़र की हत्या दो बार हुई है, एक बार ब्रूटस द्वारा और फिर सिब्बल द्वारा। बेदी ने बताया कि माकपा की वृंदा करात नी दास कॉलेज की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री थीं।