सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को अपने सख्त तेवरों के लिए जाना जाता है। अक्सर माना जाता है कि वो कोर्ट की गरिमा को बहाल रखने के मामले में किसी चीज की परवाह नहीं करते। उनके लिए सिद्धांत सबसे ऊपर हैं। लेकिन आज उनका एक अलग ही रूप देखने को मिला। दरअसल पांच जजों की संवैधानिक बेंच के एक जस्टिस संजय किशन कौल घर से मामले की सुनवाई कर रहे थे। वो चोट लगने की वजह से कोर्ट में नहीं आ सके थे।
सीजेआई ने सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल का जिक्र किया। फिर वो बोले कि आप लगातार बैठे हैं। अगर आपको वाशरूम या फिर पानी पीने के लिए जाना हो तो बताएं। हम सुनवाई को कुछ देर से लिए रोक देंगे। सीजेआई का कहना था कि वो 12 बजे या फिर उसरके आसपास सुनवाई को कुछ देर के लिए रोक सकते हैं।
सीजेआई समेत तीन जज सुप्रीम कोर्ट में थे, दो घर से कर रहे थे सुनवाई
Same Sex Marriage मामले की संवैधानिक बेंच ने आज फिर से सुनवाई की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के साथ केवल तीन जज बैठे दिखे। जस्टिस कौल चोट लगने की वजह से घर से ही मामले की सुनवाई कर रहे थे। जबकि जस्टिस एस रविंद्र भट्ट कोविड की वजह से डिजीटल मोड पर सुनवाई में शरीक हुए। इस दौरान सीजेआई के साथ जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा सुप्रीम कोर्ट में थे।
जब सीजेआई ने एसजी से कहा था, सबसे ऊपर वाले को भी कह देना, छोड़ूंगा नहीं
सीजेआई के तीखे तेवरों का अहसास सुप्रीम कोर्ट में कई दफा हुआ है। OROP के एरियर के मसले पर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए उन्होंने सॉलीसिटर जनरल से कहा था कि सबसे ऊपर वाले को भी बता देना कि तय तारीख तक पूर्व सैनिकों को भुगतान नहीं हुआ तो छोड़ूंगा नहीं। रक्षा सचिव को उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारे फैसले की काट के लिए आपने दूसरा रास्ता निकाल लिया। सॉलीसिटर जनरल सीजेआई से एरियर भुगतान की तारीख आगे बढ़ाने की गुहार लगा रहे थे। चंद्रचूड़ ने कहा कि सचिव को कहिए कि पहले पहले कोर्ट में माफी मांगें, फिर सुनेंगे।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान को कोर्ट से कर दिया था बाहर
चंद्रचूड़ के सख्त तेवरों का एहसास सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के प्रधान विकास सिंह से तकरार के दौरान भी हुआ। विकास सिंह ने उनसे सुप्रीम कोर्ट की एक जमीन के मामले में तारीख मांगी थी। सीजेआई ने कहा कि वो उनका दरखास्त को आम याचिका की तरह से सुनेंगे। विकास सिंह ने उनसे कहा कि तारीख के लिए अगर उनके घर भी आना पड़ा तो वो आएंगे।
फिर क्या था, सीजेआई आपे से बाहर हो गए और विकास सिंह को कोर्ट से बाहर जाने को कहा। लेकिन आज की सुनवाई में जस्टिस कौल का ख्याल रखते देख उनका मानवीय रूप सामने आया कि कैसे साथियों की चिंता करते हैं।