इस रिपोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और दावा किया गया था कि उन्होंने पीपीई किट को बढ़े हुए दामों में इम्पोर्ट किया था। जबकि किट लोकल सतह पर सस्ते दामों पर उपलब्ध थी।
क्या बोले प्रहलाद जोशी?
शिगगांव में रविवार को एक चुनावी रैली में ‘डी’कुन्हा रिपोर्ट’ की आलोचना करते हुए प्रहलाद जोशी ने जस्टिस डी’कुन्हा पर ‘एजेंट’ के रूप में काम करने का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में प्रहलाद जोशी ने मीडिया के सामने अपनी टिप्पणी का बचाव किया और कहा कि उन्होंने यह आरोप इसलिए लगाया क्योंकि अंतरिम रिपोर्ट में येदियुरप्पा या श्रीरामुलु को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। इसलिए, मैंने पूछा है कि यह आयोग है या ‘कमीशन एजेंट’।
कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा और स्वास्थ्य एवं परिवार मामलों के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने राजभवन में कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को एक याचिका सौंपकर केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। गौड़ा और राव द्वारा की गई शिकायत में न्याय को कमजोर करने और उचित प्रक्रिया में हस्तक्षेप की खतरनाक मिसाल कायम करने के लिए जांच आयोग अधिनियम की धारा 10ए के तहत जोशी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
…तो संजीव खन्ना के चाचा भी होते CJI, इंदिरा गांधी को इस बात पर आया गुस्सा और लिस्ट से हो गए बाहर
शिकायत में कहा गया है, “न्यायाधीश के प्रयासों की निंदा करके प्रहलाद जोशी ने संवैधानिक रूप से स्वीकृत जांच को राजनीतिक बनाने और कलंकित करने का जानबूझकर प्रयास किया है।” आगे लिखा है कि जस्टिस डी’कुन्हा को ‘एजेंट’ कहना आयोग की ईमानदारी और रिपोर्ट में उजागर किए गए भ्रष्ट कार्यों के कारण पीड़ित लोगों का अपमान है। इस तरह की टिप्पणियों से जोशी ने न्यायाधीश की ईमानदारी पर संदेह जताया है और आयोग के निष्कर्षों को अमान्य करने का प्रयास किया है। इस मामले पर शिकायत राज्यपाल थावर चंद गहलोत को सौंपी गई है।