केरल हाईकोर्ट की जस्टिस मेरी जोसेफ को लेकर एक मजेदार रिट पर हाल ही में फैसला हुआ था। दरअसल एक एडवोकेट की शिकायत थी कि दूसरे जज रोजाना जहां तकरीबन 100 केस सुनते हैं वहीं मेरी जोसेफ की कोर्ट में 20 से ज्यादा केस कभी भी नहीं लगते। हालांकि केरल हाईकोर्ट ने रिट को खारिज कर दिया। वकील को फटकार भी लगाई। दूसरी तरफ कर्नाटक हाईकोर्ट के एक जस्टिस ने एक दिन में ही 522 केस सुन डाले।

जस्टिस एम नागप्रसन्ना बीते दिन सुबह साढ़े दस बजे अपनी कोर्ट में आए। वो शाम पांच बजे तक अदालत में बैठे थे। इस दौरान उन्होंने एक घंटे का लंच ब्रेक भी लिया। उनकी कोर्ट में कुल 522 केस लगे थे। जस्टिस ने सारे मामलों को सुना। 50 याचिकाओं का निपटारा भी उन्होंने किया। खास बात थी 200 याचिकाओं की सुनवाई करके उन्होंने इस दौरान अंतरिम आदेश भी जारी किए। जस्टिस की कार्यप्रणाली हाईकोर्ट में चर्चा का विषय है।

इससे पहले एक दिन में 400 केस सुन चुके हैं जस्टिस नागप्रसन्ना

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब जस्टिस नागप्रसन्ना ने लीक से हटकर काम किया और अपने साथी जजों के साथ वकीलों की वाहवाही लूटी। इससे पहले भी वो एक दिन में 400 केसों की सुनवाई कर चुके हैं। उस दौरान भी उन्होंने मामले की तह में जाकर जरूरी होने पर आदेश भी जारी किए थे।

बीजेपी के एक्स डिप्टी सीएम ने सिद्धरमैया पर की थी टिप्पणी, जस्टिस ने रोक दी थी जांच

नवंबर 2019 में जस्टिस नागप्रसन्ना को कर्नाटक हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त किया गया था। 8 सितंबर 2021 में उनको परमानेंट जज बना दिया गया। उन्होंने जिन खास मामलों की सुनवाई की उनमें बीजेपी के विधायक अश्वथ नारायण का केस है। वो सूबे के डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक के मौजूदा सीएम सिद्धरमैया के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जस्टिस नागप्रसन्ना ने उनके खिलाफ चल रही जांच को रोक दिया। फऱवरी में एक रैली के दौरान बीजेपी नेता ने ये बयान दिया था। खास बात है कि जब ये फैसला आया तब सिद्धरमैया सीएम बन चुके थे।