Justice BR Gavai: जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई को भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे। वह इस पद पर आसीन होने वाले पहले बौद्ध होंगे। वह सोमवार को इंद्रप्रस्थ पार्क स्थित शांति स्तूप जाएंगे और प्रार्थना करेंगे। जस्टिस गवई के पिता ने 1956 में बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा शुरू किए गए धर्मांतरण आंदोलन के दौरान बौद्ध धर्म अपना लिया था। तब पांच लाख दलितों ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। उसके बाद पूरे परिवार ने बौद्ध धर्म अपना लिया। जस्टिस गवई ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने भी बौद्ध धर्म अपनाया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अपने आवास पर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत में जस्टिस गवई ने कहा कि संविधान सर्वोच्च है। केशवानंद भारती मामले में 13 जजों की बेंच ने भी यही कहा है। जजों की नेताओं के साथ मुलाकात किए जाने के सवाल पर जस्टिस गवई ने कहा कि एक न्यायाधीश के रूप में आप हाथी दांत के महलों में नहीं रहते हैं और जब तक आप अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से नहीं मिलते हैं, तब तक आप उनके मुद्दों को नहीं समझ पाएंगे।’
कितने अमीर हैं सुप्रीम कोर्ट के जज?
जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले पर क्या बोले गवई
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा से जुड़े नकदी बरामदगी विवाद पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बनाई गई समिति ने उन्हें दोषी ठहराया है। इस मुद्दे को आगामी कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री के पास भेजा गया है। हालांकि, जब उनसे सवाल किया गया कि क्या इस मामले में कोई एफआईआर दर्ज की जा सकती है, तो उन्होंने विवाद पर आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
कौन हैं जस्टिस बीआर गवई?
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 6 मई को जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई को 14 मई 2025 से भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया। जस्टिस गवई सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज हैं। वह 13 मई को मौजूदा सीजेआई संजीव खन्ना के रिटायरमेंट के एक दिन बाद 14 मई को पद संभालने वाले हैं। जस्टिस गवई का कार्यकाल बतौर सीजेआई छह महीने से ज्यादा का होगा। वह 23 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…