RG Kar Medical College Doctors Protest: कोलकाता के धरमतला में चल रहा जूनियर डॉक्टर्स का आंदोलन तेज होता जा रहा है क्योंकि कई मेडिकल प्रोफेशनल इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। डॉक्टर्स 5 अक्टूबर से भूख हड़ताल पर हैं। डॉक्टर्स की कुल 10 मांगें हैं जिनमें- काम करने की स्थितियां बेहतर की जाएं, वेतन अच्छा हो और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को सरकार और ज्यादा समर्थन दे भी शामिल हैं।

आरजी कर अस्पताल में 9 अगस्त को जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के बाद से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इससे राज्य भर में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित हो रही हैं।

इस विरोध प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक अनिकेत महतो गंभीर रूप से बीमार हैं और आरजी कर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। महतो के बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद डॉक्टर्स अपनी मांगों लेकर डटे हुए हैं। 6 अक्टूबर को अनिश्चितकालीन अनशन में शामिल हुए महतो को गुरुवार को तबीयत बिगड़ने के बाद आरजी कर अस्पताल ले जाया गया।

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अनशन कर रहे दो जूनियर डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके परिवार के सदस्यों पर दबाव डाल रही है कि वे उन्हें भूख हड़ताल से हटने के लिए कहें।

शुक्रवार रात को कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज के दो और जूनियर डॉक्टर भूख हड़ताल में शामिल हो गए। इसके अलावा नॉर्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज के दो जूनियर डॉक्टर भी भूख हड़ताल पर हैं। इस तरह भूख हड़ताल पर बैठने वाले कुल डॉक्टर्स की संख्या 10 हो गई है।

बड़ा हो सकता है आंदोलन

आने वाले दिनों में यह आंदोलन और बड़ा हो सकता है क्योंकि प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स के समर्थन में कई निजी अस्पतालों ने गैर-जरूरी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है। कई निजी अस्पतालों के कर्मचारी अगले सोमवार से आंशिक हड़ताल में भाग लेने वाले हैं।

अखिल भारतीय चिकित्सा संघ (IMA) की बंगाल शाखा ने रविवार को कोलकाता समेत सभी जिलों में 12 घंटे का सांकेतिक उपवास रखने का आह्वान किया है। जूनियर डॉक्टर्स के विरोध प्रदर्शन को काफी समर्थन मिल रहा है। देखना होगा कि क्या ममता बनर्जी सरकार डॉक्टर्स की मांगों को पूरा करेगी और क्या हड़ताल का कोई हल निकलेगा?

कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टर्स की बिगड़ती सेहत को लेकर चिंता जताई थी और उनसे अनुरोध किया था कि वे अपने स्वास्थ्य को प्रभावित किए बिना विरोध जारी रखें। राज्यपाल ने जूनियर डॉक्टर्स से भूख हड़ताल खत्म करने की अपील की थी। राज्यपाल ने धरमतला में हड़ताल स्थल पर जाकर डॉक्टर्स से मुलाकात की थी।

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डॉ. देबाशीष हलदर ने कहा है कि भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टर बहुत कमज़ोर हैं और उनके सभी पैरामीटर कम होते जा रहे हैं। सात दिनों के उपवास से उनके स्वास्थ्य पर खराब असर पड़ रहा है, लेकिन इससे उनका संकल्प कमजोर नहीं हुआ है।