कोरोना संक्रमण के चलते एक महामंडलेश्वर की मौत और कई अन्य संतों के संक्रमित होने से संत समाज भी सहमा हुआ है। इस बीच जूना अखाड़े ने शनिवार को हरिद्वार कुंभ की समाप्ति की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद आर्चाय महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने जूना अखाड़ा की तरफ से कुंभ के विधिवत समापन की घोषणा कर दी।

अवधेशानंद गिरि ने ट्वीट कर कहा कि भारत की जनता और उसकी जीवन रक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हमने विधिवत कुंभ के आवाहित सभी देवताओं का विसर्जन कर दिया है। जूना अखाड़ा की ओर से यह कुंभ का विधिवत विसर्जन-समापन है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरि से बातचीत कर संतों का हालचाल जाना था।

आर्चाय महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि से बातचीत के बाद पीएम ने ट्वीट कर कुम्भ को प्रतीकात्मक रखने की बात कही थी। पीएम ने लिखा “मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।”

कुल 13 अखाड़ों में से निरंजनी अखाड़ा और आनंद अखाड़ा कुंभ मेला समाप्ति का ऐलान कर चुके हैं। दोनों ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म होने का ऐलान किया है। हरिद्वार के अलग-अलग अखाडों के कई साधु-संत भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिनमें अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाडे के महंत नरेंद्र गिरि भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश से आए निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव की कोरोना की वजह से 13 अप्रैल को मौत हो चुकी है।