आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के आरोप में अब तक चार भारतीय गिरफ्तार हो चुके हैं। इन्हीं में से एक है कल्याण (मुंबई) का अरीब मजीद। 24 साल के मजीद को 28 नवंबर, 2014 को तुर्की से लौटने के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। वह अभी न्यायिक हिरासत में मुंबई की आर्थर रोड जेल में है। आईएसआईएस के साथ लड़ाई में शामिल होने की वजह से जेल में बंद रहने वाला वह इकलौता भारतीय है। उसने अब तक जांच एजेंसियों को पूछताछ में जो कुछ बताया है, उसकी 76 पेज की रिपोर्ट बनी है। उसी में से कुछ बातें यहां दी जा रही हैं…
अबु हम्माम रक्का (सीरिया) में इस्लामिक स्टेट के तसनिया (रक्षा व विकास मंत्रालय) का मुखिया था। 21 नवंबर, 2014 को मैंने जब भारत जाने की बात की तो उसने मुझसे कहा- अगर तुम लौटते हो तो तुम्हारे लिए केवल जेल में ही जगह होगी। मैंने जवाब दिया- पर एक दिन मैं अपने परिवार से मिल सकूंगा।
ओवैसी का असर: 2014 में 14 जनवरी को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी थी। हमें मालूम था बरेलवी समुदाय की ओर से जरूर कुछ गड़बड़ की जाएगी। हम और अहल-ए-हदीथ को मानने वाले कई लोग कोटभर मस्जिद के बाहर जमा हो गए। जब जुलूस निकला तो आयोजक फिल्मी गाने बजाने लगा। फहद गया और गाड़ी से माइक खींच लाया। मैं बड़ा प्रभावित हुआ। मजीद ने अधिकारियों को बताया कि वह 10 लोगों के भाषण काफी पसंद करता है और सुनता है। एआईएमआईएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी का हर भाषण सुनता है। इसके अलावा सऊदी अरब के मोहम्मद अल आरिफी, ऑस्ट्रेलिया के मोहम्मद होब्लो, इमरान हुसैन, मूसा सेरोंटोनियो, अबु वलीद, अंजीम चौधरी, पाकिस्तान में जन्मे तौसीफ उर रहमान और शेख अब्दुल्ला आजम के भाषण सुनता है।
मजीद ई-बुक्स और आई-कुरान मोबाइल एप्लीकेशन भी डाउनलोड किया करता था। उसने बताया, ‘इन ई-बुक्स, वीडियोज और भाषणों का मेरे ऊपर गहरा असर हुआ और मुझे जिहाद की ओर ले जाने में इनका अहम रोल रहा।’
कैसे पहुंचा आईएसआईएस तक: 23 मई, 2014 को कल्याण के चार नौजवान बगदाद गए। ये चारों इराक के धार्मिक स्थल देखने के लिए जाने वाले 22 लोगों के जत्थे में शामिल थे। इन चारों ने पैसे इकट्ठा कर मुंबई के बायकुला इलाके के एक टूर ऑपरेटर को 2.4 लाख रुपए दिए थे। रुपए तीन किश्तों में दिए गए थे।
इसके बाद अफगानिस्तान के कारोबारी रहमान दौलती और कुवैत के एक शख्स ने बगदाद में वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिए मजीद को एक हजार डॉलर दिए।
मजीद के मुताबिक सीरिया के ताहिरा भट्ट ने उन चारों को सीरिया में घुसने में मदद की। ताहिरा से उसका संपर्क फेसबुक के जरिए हुआ था। इराक और तुर्की के भी कुछ लोगों ने उनकी मदद की। उसने बताया कि उन चारों के आईएसआईएस में शामिल होने की आधिकारिक सूचना (तजकिया) सीधे उमर शिशानी की ओर से आई थी। शिशानी इराक और सीरिया में आईएसआईएस का चेचन्याई सैन्य कमांडर था।
Read Also;
‘Dial D for Don’ में दावा- संजय दत्त को हथियार देने पर दाऊद ने भाई अनीस को बुरी तरह पीटा था
ISIS में शामिल होना चाहता था, लौटकर भारत के खिलाफ जंग छेड़ना चाहता था सलमान