वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने पूर्व भाजपा पार्षद अजीत सिंह टोकस से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी है। राजदीप ने 2011 में ‘आईबीएन7 और कोबरा पोस्ट इन्वेस्टिगेशन’ नामक एक कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता पर लगाए गए झूठे भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगी है। राजदीप सरदेसाई वर्तमान में इंडिया टुडे पर एक प्राइम-टाइम शो होस्ट करते हैं।
क्या है मामला?
एक्स पर माफ़ीनामा पोस्ट करते हुए राजदीप सरदेसाई ने लिखा कि चैनल पर 6 दिसंबर, 2011 और 7 नवंबर, 2011 को प्रसारित हुए कार्यक्रम ‘Delhis Double Agents’ में एक ग़लत दावा किया गया था। कार्यक्रम में आरोप लगाया गया था कि मुनिरका वार्ड से तत्कालीन भाजपा पार्षद अजीत सिंह टोकस ने मुनिरका (जहां से वे निर्वाचित हुए थे) में अनधिकृत निर्माण के संबंध में पैसे की मांग की थी।”
जांच में निर्दोष साबित हुए थे बीजेपी नेता
प्रसारण के बाद लोकायुक्त ने स्टिंग ऑपरेशन का स्वतः संज्ञान लिया। हालांकि उचित निर्णय के बाद, लोकायुक्त ने 26 मार्च 2012 को एक आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया कि अजीत सिंह टोकस ने रिश्वत के कई प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया था। आदेश में कहा गया था कि इस बात का कोई सबूत रिकॉर्ड में नहीं है कि अजीत सिंह टोकस ने कभी किसी परियोजना के संबंध में धन की मांग की हो। वास्तव में उन्होंने आरोपों से इनकार किया था, और जांच में पाया गया कि उनके मुनिरका वार्ड में ऐसा कोई व्यवहार नहीं था।
अमित मालवीय ने साधा निशाना
अपने माफ़ीनामे में सरदेसाई ने कार्यक्रम के प्रसारण से अजीत सिंह टोकस की सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को हुए नुकसान को स्वीकार किया। उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि जांच एक बाहरी एजेंसी द्वारा की गई थी, और उनकी भूमिका केवल उक्त जांच के आधार पर कार्यक्रम की एंकरिंग तक ही सीमित थी।
यह माफ़ीनामा मूल आरोपों के प्रसारण के एक दशक से भी अधिक समय बाद आया है। उस दौरान लोकायुक्त के निष्कर्षों से अजीत सिंह टोकस का नाम साफ़ हो चुका था। माफ़ीनामे वाले पोस्ट के तुरंत बाद राजदीप भाजपा नेताओं के निशाने पर आ गए। पत्रकार राजदीप सरदेसाई की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने उन पर निशाना साधा और उन्हें सीरियल फ़ेक न्यूज़ बेचने वाला कहा। अमित मालवीय ने अपनी पोस्ट में उन पिछली घटनाओं का भी ज़िक्र किया जब राजदीप ने माफ़ी मांगी थी।