Mukesh Chandrakar Murder Case: पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट सामने आ गई है, उस रिपोर्ट से पता चला है कि उन्हें मारने से पहले काफी टॉर्चर किया गया था। उनके सिर पर गंभीर चोट के 15 निशान मिले हैं, इसके ऊपर उनके लिवर के भी 4 टुकड़े कर दिए गए। जिन डॉक्टरों ने चंद्राकर का पोस्ट मार्टम किया है, वे खुद हैरान हैं, परेशान हैं और बता रहे हैं कि ऐसी हैवानियत उन्होंने पहले नहीं देखी।
मुकेश चंद्राकर की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट
बताया जा रहा है कि चंद्राकर की पांच पसलियों को भी तोड़ दिया गया था, उनकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई थी। पता तो यह भी चला है कि आरोपियों ने चंद्राकर का दिल तक फाड़ दिया, इतना तेज प्रहार किया गया कि शरीर के कई अंग जख्मी हो गए। जिस डॉक्टर ने चंद्राकर का पोस्ट मार्टम किया, उन्होंने तो मीडिया से बात करते हुए कहा है कि ऐसा केस उन्होंने 12 सालों में कभी नहीं देखा। उनके मुताबिक हत्या में एक या दो से ज्यादा ही लोग शामिल रहे हैं।
कैसे हुई थी चंद्राकर की हत्या?
वैसे इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया है, हैदराबाद से उसकी गिरफ्तारी हुई है। जानकारी के लिए बता दें कि एक जनवरी से ही मुकेश चंद्राकर गायब चल रहे थे, फिर तीन जनवरी को उनका शव सुरेश चंद्राकर के घर में मिला था। वो शव सेप्टिक टैंक में छिपाकर रखा गया था। पुलिस ने जब उस शव को बरामद किया, उसकी हालत खराब थी, पहचानना भी मुश्किल था। लेकिन कपड़ों की वजह से पहचान मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई।
मुकेश चंद्राकर कौन थे?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक मुकेश चंद्राकर ने 2021 में बीजापुर में मुठभेड़ के बाद माओवादियों द्वारा कब्जे में लिए गए सीआरपीएफ कर्मियों की रिहाई में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सीआरपीएफ कमांडो राकेश्वर सिंह मन्हास की रिहाई में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए राज्य पुलिस ने उन्हें श्रेय दिया था। मुकेश ने नक्सली हमलों, मुठभेड़ों और बस्तर को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों पर व्यापक रूप से रिपोर्टिंग की। चंद्राकर के बारे में और जानने के लिए यहां क्लिक करें