कथित तौर पर नशे की हालत में एक पत्रकार को कुचल कर मार डालने के आरोपी अधिकारी श्रीराम वेंकिटरमण अभी भी एक प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज करवा रहे हैं। वेंकिटरमण को दुर्घटना के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। वेंकिटरमण केरल सर्वे डिपार्टमेंट के निदेशक देवीकुलम में सब-कलेक्टर रह चुके हैं।
उन्होंने मुन्नार हिल स्टेशन पर गैरकानूनी निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की शुरुआत की थी। ये आईएएस अधिकारी साल 2017 में उस समय लोगों की नजरों में आ गए थे जब इन्होंने इडुक्की में अवैध कब्जा हटाने को लेकर सीपीआई (एम) नेतृत्व से भिड़ गए थे। इसके बाद इन्हें सब-कलेक्टर पद से हटा दिया गया था।
33 वर्षीय आईएएस वेकिंटरमण मेडिकल डॉक्टर और फुलब्राइट फेलो भी हैं। ये हाल ही में विदेश से अपनी उच्च शिक्षा पूरी कर लौटे थे। बृहस्पतिवार को स्टेट कैबिनेट ने इन्हें सर्वे डिपार्टमेंट में निदेशक नियुक्त किया था। पुलिस ने इन पर लापरवाही से वाहन चलाने और गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है।
प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट ने केआईएमएस अस्पताल का दौरा करने के बाद वेंकिटरमण को शनिवार रात 10.30 बजे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को बताया कि दुर्घटना के चलते वेंकिटरमण के बाएं हाथ में प्लास्टर चढ़ा हुआ है। अस्पताल के बाहर तीन पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
इस हादसे में 35 साल के पत्रकार और मलयालम दैनिक ‘सिराज’ के ब्यूरो चीफ मोहम्मद बशीर की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मामले में कहा कि जो कोई भी कानून तोड़ेगा, सरकार उसका संरक्षण नहीं करेगी। आईजीपी और तिरुवनंतपुरम नगर पुलिस आयुक्त धीरेंद्र कश्यप ने कहा कि आरोप साबित होने पर इस अधिकारी को 10 साल तक के कारावास की सजा हो सकती है।
पुलिस को उनका मेडिकल परीक्षण होने के बाद खून का नमूना लेने में करीब नौ घंटे का समय लग गया। इससे मीडिया ने उनकी लेटलतीफी को लेकर आलोचना भी की। ऐसा तब हुआ जबकि चश्मदीद गवाहों ने बताया था कि वेंकिटरमण नशे की हालत में गाड़ी चला रहे थे।