प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन और उसमें करोड़ों रुपए खर्च किए जाने को लेकर देश के सभी प्रमुख विपक्षी दल जहां एक तरफ सरकार की आलोचना कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि ऐसे काम करने से गरीबी और महंगाई नहीं खत्म होगी। यह केवल चुनाव में फायदा लेने और राजनीतिक हित के लिए है। टीवी डिबेट में भी इस पर विभिन्न दलों के प्रवक्ता सवाल उठा रहे हैं, वहीं टीवी-9 उत्तर प्रदेश में डिबेट के दौरान एंकर पत्रकार ने जमकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने की वकालत की। अपने लाइव शो में मौजूद पैनलिस्ट के नेताओं को इसको लेकर खूब लताड़ा। इसका वीडियो भी वायरल हुआ तो लोग इस पर सोशल मीडिया में कमेंट भी करने लगे और उनकी बात की सराहना की।
टीवी-9 के कंसल्टिंग एडीटर अमिताभ अग्निहोत्री ने कहा “लोग स्कूटर, बाइक नहीं खरीद पा रहे हैं और आप लोग निजी जहाजों में चल रहे हैं। और ज्ञान बांट रहे हैं गरीबी के लिए। ये तमाशा न करो भाई। आप रोटी नहीं दे सकते हैं तो शांत रहिए। क्या आपके घरों में बाल-बच्चों के घरों में हमने शादियां नहीं देखी। करोड़ों रुपए खर्च करते हैं। बेहिसाब पैसे बहाए जाते हैं और काशी विश्वनाथ पर खर्च हुए तो वह आपको अपराध लगता है।”
उन्होंने कहा, “शादी विवाह में स्विस कॉटेज बनवाते हैं। इस देश में हमको गुलाम बनाने के लिए जिन स्थानों को तोड़ा गया कि हमारी आत्मा पर भी नियंत्रण हो जाए उन स्थानों का पुनरुद्धार नहीं होगा तो किन स्थानों का होगा। आपकी कोठी में पैसा लगे तो जायज और बाबा विश्वनाथ की कॉरिडोर में लगे तो नाजायज है।”
कहा कि “जितना पैसा कॉरिडोर में लगा है, मैं ऐसे सैकड़ों राजनेताओं का जानता हूं, जिनकी कोठी में इससे ज्यादा पैसा लगा है। 100-100 एसी लगे हैं। इंद्र की सभा लगती है। उनके घर में पशु-पक्षी भी विदेशी हैं और कहते हैं कि गरीब के लिए जगता हूं। आपके पास सवाल उठाने का कोई हक नहीं है।”
कहा, “सिखों ने कभी यह सवाल नहीं उठाया कि गोल्डन टेंपल का आर्थिक मूल्य क्या है, वेटिकन सिटी में पोप की सत्ता क्यों चलती है, यह सवाल इसाई नहीं उठाते हैं, मक्का-मदीना पर सवाल नहीं उठाते हैं, काशी विश्वनाथ पर सवाल उठाने की हिमाकत कैसे हो सकती है। अयोध्या पर सवाल उठाने की हिमाकत कैसे हो सकती है?”
बोले- हजारों साल गुलाम रहने के बाद भी अगर तुलसी चौरा बचा रहा, उसमें दीपक बाती होती रही, अगर सत्यनारायण की कथा होती रही, बजरंग बली का मंदिर बना रहा, अगर राम सीता का विवाह की यादें बची रही हमारे जेहन में तो यही मठ मंदिर थे, जिन्होंने भारत की आत्मा को जीवित रखा।