काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर की सेशन कोर्ट ने राजस्थान सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें सलमान खान पर आर्म्स एक्ट के मामले में झूठा हलफनामा देने का आरोप लगाया गया था। इससे पहले राज्य सरकार की इसी तरह की अपील को निचली अदालत भी खारिज कर चुकी है। इस केस में 1998 से सुनवाई जारी है।

सलमान पर आरोप है कि उन्होंने अपनी एक फिल्म की शूटिंग के दौरान काले हिरणों का शिकार किया था। हम साथ-साथ हैं कि टीम के साथ शूटिंग के लिए सलमान जोधपुर गए थे। वहीं पर काले हिरण के शिकार का मामला सामने आया था। सलमान को इस मामले में जेल में भी रहना पड़ा था। सलमान इस मामले में दोषी पाए जाते तो उन पर आईपीसी की धारा-193 के तहत केस दर्ज किया जा सकता था। इसके तहत अधिकतम 7 साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। कोर्ट के इस फैसले से सलमान को बड़ी राहत मिली है। उनके फैंस ने भी ट्विटर पर खुशी का इजहार किया है।

ध्यान रहे कि काला हिरण शिकार और आर्म्स एक्ट मामले में जोधपुर की कोर्ट ने सलमान से उनके हथियारों के लाइसेंस की कॉपी मांगी थी। तब इन दस्तावेजों को पेश करने में सलमान खान ने असमर्थता जताई थी। सलमान ने कोर्ट में एक हलफनामा पेश करते हुए कहा था कि उनका लाइसेंस कहीं गुम हो गया है। सलमान ने मुंबई के बांद्रा थाने में लाइसेंस खो जाने को लेकर दर्कज कराई गई एफआईआर की कॉपी उस समय कोर्ट में पेश की थी।

सलमान खान ने एफआईआर की कॉपी कोर्ट में जमा कराई तो अदालत ने मुंबई पुलिस से जवाब तलब किया। मुंबई पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सलमान के हथियारों का लाइसेंस मुंबई पुलिस कमिश्नरेट में रीन्यूअल के लिए विचाराधीन है। इस बात का खुलासा होते ही पब्लिक प्रॉसीक्यूटर ने कोर्ट के सामने एक अर्जी पेश कर सलमान पर कोर्ट को गुमराह करने और झूठे सबूत कोर्ट में पेश करने का आरोप लगाया। सरकार की तरफ से पेश अधिवक्ता ने सलमान खान के खिलाफ आईपीसी की धारा-193 के तहत कार्रवाई करने की मांग की थी।