केंद्र सरकार पर रोजगार और बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े छिपाने के आरोप लगाने के बाद राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। आयोग के कार्यवाहक चेयरपर्सन पीसी मोहन और प्रोफेसर जेवी मीनाक्षी के इस्तीफे की खबर 28 जनवरी को सामने आई थी। लेकिन अब दोनों ही पूर्व सदस्यों के आयोग से अलग होने के बाद बढ़ती बेरोजगारी संबंधी सरकारी रिपोर्ट लीक हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2017-18 में बेरोजगारी दर 6.1 रही। नोटबंदी के बाद बेरोजगारी में 45 साल बाद इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई। इससे पहले 1972-73 में बेरोजगारी दर 6 फीसदी से अधिक थी। बिजनेस स्टैण्डर्ड ने नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की ओर से किए गए पेरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के हवाले से यह जानकारी दी है। इस रिपोर्ट के बाद अब सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। इसे लेकर ही अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
रिपोर्ट को आधार बनाकर कांग्रेस और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया। कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ ट्विटर पर हैशटैग हाउज द जॉब्स चलाया। वहीं राहुल ने भी पीएम मोदी की तुलना हिटलर से करते हुए ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, हमसे वादा किया गया था कि हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे। लेकिन पांच साल बाद बेरोजगारी पर रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि देश तो तबाह हो गया है। इस वक्त देश में बेरोजगारी का आंकड़ा 45 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा है। इसके बाद उन्होंने लिखा कि उन्होंने लिखा कि केवल 2017-2018 में ही 6.5 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। सात ही राहुल ने भी पोस्ट में अपनी बात खत्म करते हुए हैशटैग हाउज द जॉब्स लिखा
NoMo Jobs!
The Fuhrer promised us 2 Cr jobs a year. 5 years later, his leaked job creation report card reveals a National Disaster.
Unemployment is at its highest in 45 yrs.
6.5 Cr youth are jobless in 2017-18 alone.
Time for NoMo2Go. #HowsTheJobs pic.twitter.com/nbX4iYmsiZ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 31, 2019
कांग्रेस अध्यक्ष से पहले पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी बेरोजगारी की रिपोर्ट को लेकर ट्वीट किया था कि दो करोड़ नौकरियां देने का वादा एक मजाक साबित हुआ। सुरजेवाला ने कहा कि सरकार नहीं चाहती थी कि यह रिपोर्ट सामने आए। इसी के कारण बीते दिनों राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि, राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के दो सदस्यों चेयरपर्सन पीसी मोहन और प्रोफेसर जेवी मीनाक्षी ने इस्तीफा दे दिया था। दोनों को 2017 में एनएससी का सदस्य नियुक्त किया गया था। इनका कार्यकाल 2020 तक चलना था। इस्तीफे के बाद अब वर्तमान में एनएससी में चेयरपर्सन का पद नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ही कमान संभाल रहे हैं।