जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों और फैकल्टी पर हुई हिंसा के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एक तरफ जेएनयू छात्रसंघ का कहना है कि एबीवीपी के लोगों ने कैंपस में हिंसा को अंजाम दिया तो वहीं एबीवीपी का कहना है कि इस पूरे मामले के लिए लेफ्ट का हाथ है। अपनी बात को पुख्ता करने के लिए एबीवीपी ने एक वीडियो भी जारी किया है जिसे सबूत की तरह पेश किया गया है। एबीवीपी ने घटना में शामिल होने से इनकार करते हुए के लिए घोष की अगुवाई वाले वाम सर्मिथत छात्रसंघ को जिम्मेदार ठहराया है।
एबीवीपी ने वीडियो शेयर करते हुए कहा ‘जेएनयू में छात्रों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले को लेफ्ट ने अंजाम दिया ये वीडियो इस बात का सबूत है। एबीवीपी कार्यकर्ता शिवम को गुंडों ने पकड़कर बुरी तरह पीटा। अगर आप छात्रों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाते हैं तो आपके साथ लेफ्ट ये सलूक करता है।’
एबीवीपी ने कहा है कि शिवम को सिर, गले पर गंभीर चोटें आई हैं। उनपर लेफ्ट के गुंडों ने हमला किया। अब समय आ गया है कि कैंपस में इस संगठन को बैन किया जाए ताकि छात्र सुरक्षित महसूस कर सकें। अगर ऐसा होता है तो छात्र पढ़ाई पर ध्यान दे सकेंगे।
This video is a clear proof of how students and karyaakartas were hounded and beaten by Left thugs in JNU. Shivam, an ABVP karyakarta, was chased & brutally attacked by the commie goons. This is what Left does to you if you stand for students’ rights. #BanAISASFI#LeftAttacksJNU pic.twitter.com/amy1FRFntD
— ABVP (@ABVPVoice) January 6, 2020
गौरतलब है कि जेएनयू परिसर में रविवार रात लाठियों और लोहे की छड़ों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने परिसर में प्रवेश कर छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला कर दिया था और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। बाद में प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा। जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित हमले में कम से कम 34 लोग घायल हो गए थे।
आइशी घोष ने सोमवार सुबह अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद कहा, ‘परिसर में शांति मार्च के दौरान मुझे खासतौर पर निशाना बनाया गया। करीब 20-25 नकाबपोशों ने मार्च को बाधित किया और मुझ पर लोहे की छड़ों से हमला किया। इस हमले में एबीवीवी के गुंडों का हाथ था।’
