जेएनयू कैंपस में रविवार (5 जनवरी) रात हुई हिंसा से कुछ घंटे पहले वॉट्सऐप ग्रुप्स पर ‘देशद्रोहियों को तोड़ के’ जैसे नारे लिखकर लोगों को भड़काया गया है। इस दौरान इंडियन एक्सप्रेस उन 6 लोगों से संपर्क करने में कामयाब रहा, जिनके मोबाइल नंबरों से वॉट्सऐप ग्रुप्स में हिंसा की धमकी दी गई थी। हालांकि, इनमें से 3 लोगों का कहना था कि उनके मोबाइल नंबर का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक शख्स ने बताया कि उसके दोस्त ने मैसेज पोस्ट किया था। वहीं, 2 अन्य लोगों का कहना है कि उन्होंने ‘सूचना’ देने के लिए ग्रुप में मैसेज डाला था। इनमें एक शख्स ने लिखा था, ‘‘बिल्कुल, एक बार ठीक से आर पार करने की जरूरत है। अभी नहीं मारेंगे सालों को तो कब मारेंगे, गंद मचा रखा है कौमियों ने।’’
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वॉट्सऐप ग्रुप में यह मैसेज लिखने वाले युवक से बात की गई तो उसने कहा, ‘‘मैं जेएनयू का छात्र हूं और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में पीएचडी कर रहा हूं। हां, मैं एबीवीपी में शामिल हूं। मीडिया जेएनयू की छवि धूमिल कर रहा है।’’ वहीं, कुछ घंटे बाद उसने कहा, ‘‘मैं जेएनयू से हूं, लेकिन वे मैसेज मैंने पोस्ट नहीं किए। किसी ने मेरे मोबाइल नंबर का गलत इस्तेमाल किया।’’
वॉट्सऐप ग्रुप में एक अन्य शख्स ने भी पोस्ट डाला था। उसने लिखा, ‘‘वाम आतंक खत्म हो। हमने जेएनयू में काफी एंजॉय किया। मजा आ गया। इस सालों को देशद्रोहियों को मारके।’’ इस शख्स से जब संपर्क किया गया तो उसने कहा कि वह हरियाणा का कॉलेज स्टूडेंट है। हम में से कुछ लोग मस्ती कर रहे थे। इस दौरान जेएनयू में वाम आतंक को लेकर एक पोस्ट आया। मेरे दोस्त ने मेरा फोन ले लिया। उसने ग्रुप जॉइन किया और पोस्ट कर दिया। मैंने उसे फटकार लगाई है। मुझे राजनीति की जानकारी नहीं है। मैं नहीं जानता कि जेएनयू के छात्र देशद्रोही हैं या नहीं।
वॉट्सऐप ग्रुप में ‘सालों को हॉस्टल में घुसके तोड़े’ लिखने वाले युवक से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि वह नोएडा में रहता है। उसने पूछा कि उसका नंबर किसने दिया? इसके बाद उसने फोन डिसकनेक्ट कर दिया और लगातार कॉल काटता रहा। वहीं, यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट ग्रुप जॉइन करने वाले युवक ने बताया कि वह जेएनयू कैंपस में हिंसा से संबंधित सूचनाएं आदि जानने के लिए ग्रुप में शामिल हुआ था। उसने बताया, ‘‘मैं अब एम्स ट्रॉमा सेंटर में हूं। मैं जेएनयू का छात्र नहीं हूं, लेकिन अपने कॉमरेड के साथ खड़ा हूं। मैंने सूचना हासिल करने के लिए ग्रुप जॉइन किया था, लेकिन बाद में उन्होंने मुझे निकाल दिया। इस ग्रुप का लिंक किसी ने मेरे साथ शेयर किया था।’’