दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर से सुर्खियों में है। दरअसल जेएनयू में एक सड़क का नाम वी डी सावरकर ( V D Savarkar) के नाम पर रखा गया है। जिसे लेकर विरोधी दल के लोगों ने साइन बोर्ड पर कालिख लगा दी और साथ ही जिन्ना के पोस्टर भी लगाए हैं। रविवार को कैंपस में सुबनसीर हॉस्टल की ओर जाने वाली सड़क का नाम वीडी दामोदर सावरकर के नाम पर रखा गया। जिसके बाद कैंपस में एक बार फिर से विवाद होता नजर आया। सड़क का नाम बदले जाने को लेकर छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने विवि प्रशासन के फैसले की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बताया।
वहीं,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि वाम दलों के नेतृत्व वाले जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) ने परिसर के अंदर लगे वी डी सावरकर मार्ग के साइनबोर्ड को फिर से ठीक किया गया है।
एबीवीपी-जेएनयू के अध्यक्ष शिवम चौरसिया ने कहा, ‘‘जेएनयू प्रशासन ने पिछले साल परिसर के अंदर की एक सड़क का नाम रखने का फैसला किया था और इस के फलस्वरूप सुबनसीर छात्रावास की सड़क को वी डी सावरकर के नाम पर रखा गया था, लेकिन वामपंथी छात्रों ने इस पर मोहम्मद अली जिन्ना मार्ग का पोस्टर चिपका कर इसे विरूपित कर दिया।’’ इस बारे में प्रशासन या छात्र संघ की तरफ से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ABVP के छात्रों ने विरोध में लेफ्ट का पुतला जलाया।
#JNUSignsInJinnah | @ABVPVoice burns effigies and stage protest against the vandalism of Savarkar’s statue in JNU campus.
TIMES NOW’s Siddhant reports from JNU. pic.twitter.com/0YxnzUvaJI
— TIMES NOW (@TimesNow) March 17, 2020
सूत्रों ने संकेत दिया कि कुछ छात्रों ने वी डी सावरकर मार्ग के साइनबोर्ड पर पहले बी आर आंबेडकर मार्ग लिखा था। बाद में इस साइन बोर्ड पर मोहम्मद अली जिन्ना का पोस्टर चिपका पाया गया।प्रशासन ने सोमवार को कहा था कि सावरकर के नाम पर मार्ग का नाम रखे जाने का फैसला पिछले साल नवंबर में हुई कार्यकारी परिषद की बैठक में लिया गया था।पुलिस ने हालांकि कहा कि उन्हें इस घटना के संदर्भ में कोई शिकायत नहीं मिली है।
इस मामले पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर लिखा कि जिन्ना वाली आजादी के बाद अब देश के स्वंतत्रता सेनानी के नाम के ऊपर जिन्ना का पोस्टर चिपका दिया गया है। यदि इन लोगों को राष्ट्रविरोधी कहा जाए तो ये रोने लगते हैं।
जिन्ना वाली आज़ादी and now Jinnah’s posters over Indian Freedom fighters.
And if you label them “Anti-Nationals” they cry hoarse!! https://t.co/Xfp0CTKqJc— Sambit Patra (@sambitswaraj) March 17, 2020
बता दें कि पिछले साल दिल्ली यूनिवर्सिटी में सावरकर की मूर्ति लगाए जाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ था। तब के डूसू अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बिना किसी परमिशन नॉर्थ कैंपस के आर्ट्स फैकल्टी के गेट पर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह की मूर्ती लगवा दी थी।
(भाषा इनपुट्स के साथ)