JNU Students Protest Violence: जेएनयू में हुई हिंसा के बाद अब यहां की वार्डेन्स ने कहा है कि उन्होंने उस दिन वहां कुछ नकाबपोशों को देखा था। इनके हाथ में लाठी और रॉड थे। मेस की वार्डेन डॉक्टर स्नेहा और एक दूसरे वार्डन राज यादव ने इस हिंसा को लेकर जो रिपोर्ट बनाई है उसमें लिखा है कि 5 जनवरी को शाम 4 बजे स्नेहा ने करीब 40-50 लोगों की भीड़ को देखा। इन सभी के चेहरे पर नकाब था। वार्डेन्स के मुताबिक यह भीड़ हॉस्टल के कुछ कमरों में गई लेकिन वो जिसे तलाश रही थी वो वहां नहीं था इसीलिए यह भीड़ हॉस्टल से बाहर आ गई। इनके हाथ में लाठी-डंडे और रॉड थे। हमने तुरंत 100 नंबर पर फोन कर पुलिस से मदद मांगी…उस वक्त तक कोई हिंसा नहीं हुई थी लेकिन पुलिस 4 घंटों तक नहीं आई।
स्नेहा ने कहा है कि उन्होंने देखा कि यह भीड़ तापती हॉस्टल के पास शाम करीब 4.30 मिनट पर पहुंची। इसके बाद दो अन्य वार्डन डॉक्टर रामावतार मीना और डॉक्टर प्रकाश साहू हॉस्टल के कार्यालय में पहुंचे और उन्होंने पुलिस को फोन कर मदद मांगी। वहां के हालात देख कर शाम करीब 5.30 बजे तीन वार्डेन्स की आपातकालीन बैठक बुलाई गई। वार्डेन्स के मुताबिक पुलिस को फोन करने के अलावा उन लोगों ने मुख्य सुरक्षा अधिकारी को खत लिखकर तुरंत सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की मांग की और गार्ड्स को निगरानी करने के लिए भी कहा।
वार्डेन्स के मुताबिक करीब 7 बजे यह भीड़ दोबारा लौटी और यह लड़कों तथा लड़कियों के कमरे में घुसने लगी। इस भीड़ ने लड़कों और लड़कियों की लाठी-डंडों से जमकर पिटाई कर दी। इस दौरान कमरे में तोड़फोड़ भी मचाई गई। वार्डेन्स के मुताबिक 18 कमरे और उसमे रहने वाले लड़के-लड़कियों पर हमला किया गया। इसमें एक दिव्यांग छात्र भी शामिल है। इस दौरान हॉस्टल के मुख्य गेट और मेस के दरवाजे पर लगे शीशों को भी तोड़ा गया। वार्डन राज यादव के मुताबिक जब यह भीड़ हॉस्टल से बाहर निकले तब उस वक्त भी उन्होंने पुलिस औऱ एंबुलेंस को कई बार फोन किया था।
इधर ‘इंडिया टुडे’ ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में जेएनयू हमले में शामिल लड़की को लेकर बड़े खुलासे का दावा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में बताया गया है कि हाथ में रॉड लिए और चेहरे को नकाब से ढक कर साबरती हॉस्टल में खड़ी लड़की कोमल शर्मा है। बताया जा रहा है कि कोमल शर्मा एबीवीपी की कार्यकर्ता है और हिंसा के दौरान वो भीड़ में अपने साथियों के साथ शामिल थी।
