JNU Students Protest, JNU Violence: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई जबरदस्त हिंसा के बाद पुलिस पर कई सवाल उठे हैं। अब विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने कहा है कि हिंसा के वक्त कैंपस के अंदर से पुलिस को 23 बार फोन किया गया। यह फोन रविवार को दोपहर 2.30 से उस वक्त करना शुरू किया गया जब कुछ नकाबपोश कैंपस के अंदर पहली बार चहलकदमी करते हुए नजर आए थे। रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार के मुताबिक 23 बार फोन करने के बावजूद भी पुलिस तब तक नहीं आई जब तक कि उसे एक लिखित पत्र नहीं मिला।
2.30 pm-3.30 pm के बीच पीसीआर को पहला कॉल:
यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार के मुताबिक इस वक्त तक जेएनयू कैंपस में हंगामे की शुरुआत ही हुई थी। फोन करने वाले ने पीसीआर पर फोन कर सूचना दी कि कुछ नकाबपोश कैंपस के अंदर नजर आ रहे हैं। पुलिस को बताया कि यह नकाबपोश प्रशासनिक भवन के आसपास जमा हो रहे हैं।
3.45 pm-4.15 pm के बीच पीसीआर को 8 कॉल:
इस वक्त तक नकाबपोशों ने छात्रों की पिटाई शुरू कर दी। अपने चेहरे को ढके करीब 40-50 गुंडे लाठी-डंडे लेकर कैंपस में हंगामा मचा रहे थे। इनका मेन टारगेट पेरियार हॉस्टल था। इन लोगों ने दरवाजों और खिड़कियों के शीशे तोड़ दिये थे। बदमाश छात्रों को निशाना बनाना शुरू कर चुके थे।
4.15 pm-6 pm तक पीसीआर को 14 फोन:
रिपोर्ट के मुताबिक इन डेढ़ घंटों में पीसीआर पर 14 बार फोन किया गया। इस वक्त तक कैंपस के अंदर कोहराम मच चुका था। इस वक्त तक बदमाश पेरियार हॉस्टल से निकल चुके थे।
The Indian Express ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शाम 7 बजे से लेकर 7.30 मिनट तक 50-60 हथियारबंद नकाबपोश साबरमती ढाबा में घुसे। यह ढाबा, पेरियर हॉस्टल से करीब 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां आते ही इन गुंडों ने छात्रों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। छात्रों के कमरे में घुस कर उनकी पिटाई की गई और कमरे की खिड़की-दरवाजों को तोड़ दिया।
रजिस्ट्रार के मुताबिक वाइस-चांसलर ने पुलिस से करीब 5.30 मिनट पर बातचीत की थी। रजिस्ट्रार के मुताबिक जब पुलिस को जेएनयू प्रशासन की तरफ से खत मिला तब ही वो वहां पहुंची और वरिष्ठ अधिकारियों ने फ्लैग मार्च किया। प्रमोद कुमार के मुताबिक 23 बार फोन करने के बावजूद पुलिस साढ़े पांच घंटे बाद कैंपस में आई।


