JNU Students Protest, JNU Violence: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई मारपीट की घटना के बाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी सरकार के खिलाफ हो गए हैं। विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर सी.पी. चंद्रेशेखर ने उस सरकार के उस पैनल से इस्तीफा दे दिया है जिसका गठन सरकार ने आर्थिक डेटा की समीक्षा के लिए किया था। प्रोफेसर सी.पी. चंद्रशेखर National Statistical Commission (NSC) के पैनल में थे लेकिन बीते रविवार को जेएनयू में नकाबपोशों के हमले से वो काफी आहत हैं। इस पैनल की मीटिंग से ठीक एक दिन पहले खुद को इससे अलग करने वाले प्रोफेसर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि ‘मुझे आपको यह सूचित करते हुए खेद हो रहा है कि क्योंकि जेएनयू में जिस तरह के हालात है जहां मैं रहता हूं…मैं कल की मीटिंग में आने में असमर्थ हूं।’

अपने इस्तीफे में जेएनयू प्रोफेसर ने यह भी कहा है कि ‘मुझे लगता है, मौजूदा स्थितियों में कमेटी भी सांख्यिकीय प्रणाली की विश्वसनीयता को बहाल करने में कामयाब नहीं हो पाएगी, जिसकी हालिया वक्त में साख घट गई है। मैं एक बेहतरीन आर्थिक समीक्षा तैयार करने को लेकर काफी मेहनत कर रहा था…लेकिन यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजनीति दबाव ने इसकी स्वतंत्रता पर असर डाला है। एक बेहतरीन सिस्टम बनाने की कोशिशें प्रभावित हुई हैं…इन परिस्थितियों में मैं इस कमेटी में अपनी सेवा नहीं दे पाऊंगा।’ यहां आपको बता दें कि इस कमेटी का गठन पिछले महीने ही किया गया था, ताकि डेटा की गुणवत्ता में सुधार किया जा सके। बता दें कि इस कमेटी की बैठक मंगलवार यानी आज होनी है।

रविवार को जेएनयू में जमकर हंगामा हुआ था। जेएनयू कैंपस में नकाबपोश हमलावलों ने करीब 4 घंटे तक तांडव मचाया था और छात्रों-शिक्षकों को बुरी तरह पीटा था। जेएनयू हिंसा में करीब 28 लोग घायल हो गए थे, जिमनें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं। इस घटना के बाद घायल छात्रों और कुछ प्रोफेसर्स ने आरएसएस से जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी पर हमला करने का आरोप लगाया है। छात्रों का यह भी कहना है कि हमले के वक्त पुलिस ने भी इस मामले में ढुलमुल रवैया अपनाया और वक्त पर उनकी मदद के लिए नहीं आई।

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