जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्याल (जेएनयू) और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों में अगले कुलपति की नियुक्ति के लिए एक साल पहले ही प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। सरकार के मुताबिक अब तक ‘योग्य व्यक्ति’ नहीं मिल पाया है। शिक्षा मंत्रालय ने दोबारा इन पदों के लिए विज्ञापन जारी किया है। मंत्रालय का कहना है कि ज्यादा आवेदन आने से योग्य उम्मीदवार का चयन होगा।

शनिवार को जेएनयू के वीसी के लिए दोबारा विज्ञापन जारी किया गया। आवेदन 11 अक्टूबर तक स्वीकार किए जाएंगे। वहीं बीएचयू के लिए आवेदन 15 सितंबर से 24 सितंबर के बीच मांगे गए हैं। जेएनयू के मौजूदा कुलपति जगदीश कुमार का कार्यकाल 26 जनवरी को ही खत्म हो गया था लेकिन मंत्रालय ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया। जब तक नए वीसी का चयन नहीं हो जाता, जगदीश कुमार ही जेएनयू के वीसी रहेंगे।

वहीं बीएचयू की बात करें तो यहां कुलपति रहे राकेश भटनागर का कार्यकाल 28 मार्च को खत्म हो गया था। इसके बाद प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ला कार्यकारी वीसी हैं।

मंत्रालय के नए विज्ञापन में कहा गया है, ‘चयन का दायरा बढ़ाने के लिए योग्य उम्मीदवारों के आवेदन मंगाए जा रहे हैं। योगिय उम्मीदवार 11 अक्टूबर 2021 तक आवेदन कर सकते हैं।’ इससे पहले जब विज्ञापन जारी किया गया था तब एक महीने का समय दिया गया था और करीब 200 आवेदन आए थे।

जेएनयू के टीचर्स असोसिएशन (JNUTA) ने मंत्रालय पर निशाना साधते हुए कहा है कि इससे केंद्र की क्षमता पर भी सवाल खड़े होते हैं। इस तरह से सिस्टम के साथ खिलवाड़ करके वे विश्वविद्यालय को खत्म कर देना चाहते हैं।

मंत्रालय के सूत्रों ने बताया है कि पहले राउंड में मंगाए गए आवेदन भी मान्य होंगे और दोनों को मिलाकर ही चयन किया जाएगा। इसे पहले भी वीसी चयन में परेशानी हुई थी जब शिक्षा मंत्रालय को बता चला था कि एक आवेदक ने कुछ गड़बड़ी की है।