अयोध्या में राम मंदिर को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला ने जल्द समाधान की वकालत की है। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाया जा सकता है। इसे कोर्ट में घसीटने की जरूरत ही नही है। एएनआई के हवाले से दी गई खबर के मुताबिक फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि राम मंदिर अगर बनता है तो मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा। उन्होंने कहा कि भगवान राम सिर्फ हिंदुओं के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के हैं।

फारुख अब्दुल्ला ने कहा, “भगवान राम से किसी को बैर नहीं है, ना होना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए सुलझाने की और बनाने की। जिस दिन ये हो जाएगा मैं भी एक पत्थर लगाने जाऊंगा। जल्दी समाधान होना चाहिए।”

अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि विवाद से जुड़े सभी पक्ष एक साथ बातचीत के टेबल पर बैठें और जल्द हल निकालें। गौरतलब है कि शुक्रवार (4 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुनवाई हुई। महज 60 सेकंड की सुनवाई में कोर्ट ने अगली तारीख 10 जनवरी तय कर दी। अब मामले के संबंध में नई बेंच तय करेगी कि इसकी सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में होनी चाहिए या नहीं। सुप्रीम कोर्ट में लंबित इस केस में देरी को लेकर कई हिंदूवादी संगठन सवाल उठा चुके हैं। कई तरफ से सरकार पर अध्यादेश लाने की मांग भी उठ रही है। लेकिन, पीएम मोदी ने कोर्ट के आदेश को प्रमुखता देने की बात कही है।