आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद प्रतिबंधों का सामना कर रहे जम्मू-कश्मीर के लोगों को धीरे-धीरे राहत मिलने लगी है। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा है कि शुक्रवार (16 अगस्त 2019) आधी रात से कश्मीर घाटी के इलाकों में चरणबद्ध तरीके से फोन लाइन खोलने की शुरुआत होगी। सोमवार से सड़कों पर यात्री वाहनों का संचालन भी शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से ही सभी प्रतिबंधों को बहाल किया जाएगा क्योंकि खुफिया एजेंसियों के पास सूचना है कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन राज्य में दहशत फैला सकते हैं।
श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुब्रमण्यम कहा ‘शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण रही। राज्य के कुछ हिस्सों में स्कूल खुल गए हैं और बाकी हिस्सों में भी सोमवार से चरणबद्ध तरीके के जरिए स्कूल खुलेंगे, साथ ही शुक्रवार से ही दफ्तर खुल गए हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी जल्द खत्म कर दी जाएगी। हालांकि यह गहन समीक्षा के बाद ही किया जाएगा।’
मुख्य सचिव ने उन हिंसा की उन तमाम मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा ‘राज्य में लगे प्रतिबंधों के बाद खून की एक भी बूंद नहीं गिरी है और न ही किसी के घायल होने की कोई सूचना है। जबकि आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और लश्कर हमला करने की ताक में हैं। इसी वजह से प्रदेश में कई बार सुरक्षा कारणों से पाबंदी लगाई जा चुकी है।’
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उन्होंने बताया ‘प्रतिबंध के दौरान रोजमर्रा की चीजें दवाई और खाद्द पदार्थ की सप्लाई निरंतर जारी है। इसके साथ ही सेटेलाइट टीवी, न्यूजपेपर पब्लिश हो रहे हैं और मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। 22 जिलों में से 12 में स्थिति सामान्य है जबकि पांच जिलों में कुछ हद तक प्रतिबंध लागू हैं। सरकार प्रतिबंधों की समीक्षा कर रही है। सरकार का ध्यान जल्द से जल्द सभी प्रतिबंध को बहाल कर राज्य को सामान्य स्थिति में लाने पर है। मालूम हो कि आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य को दो हिस्सों (जम्म-कश्मीर और लद्दाख) में विभाजित करने के बाद प्रशासन हर कदम फूंक-फूंक कर रखा रहा है।
