बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक और विवादास्पद टिप्पणी करते हुए ठेकेदारों से माओवादियों द्वारा उगाही को उचित ठहराने का प्रयास करते हुए कहा ठेकेदार भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और राज्य को लूट रहे हैं।

मांझी ने अपने आवास पर आयोजित साप्ताहिक कार्यक्रम ‘‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’’ के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘सड़क, सामुदायिक इमारतें और अन्य सरकारी कार्यों में लगे ठेकेदारों से उनके (माओवादियों) द्वारा उगाही करने में मुझे कुछ भी गलत चीज नहीं दिखती।’’

मांझी आज अपने उस जनता दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे जिसमें आज एक युवक ने उन पर जूता फेंक दिया लेकिन उसका निशाना चूक गया और वह मुख्यमंत्री के पास गिरा।

मांझी ने कहा, ‘‘क्या माओवादी विदेशी हैं? माओवादी बन गए लोग भी हमारे समाज के ही हैं लेकिन उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सकता है लेकिन ऐसा बंदूक दिखाकर नहीं बल्कि विकास से किया जा सकता है।’’ इस दौरान मांझी के साथ कई अन्य मंत्री भी थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह माओवादियों को बातचीत के लिए बुलाएंगे, उन्होंने कहा, ‘‘क्यों नहीं? कई मुख्यमंत्रियों और यहां तक कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने उनसे मुलाकात की थी और उनका आह्वान किया था कि वे बंदूक छोड़कर समाज की मुख्य धारा में लौट आयें।’’

जब उनसे यह पूछा गया कि उनकी इस बात से माओवादियों से लड़ रहे सुरक्षा बल हतोत्साहित होंगे, उन्होंने ना में जवाब दिया। मांझी ने कहा कि करीब तीन वर्ष पहले जब वह पूर्ववर्ती नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में मंत्री थे तब कुछ लोगों ने माओवादी होने का दावा करते हुए ठेकेदारों से ‘लेवी’ की मांग करने को उचित ठहराया था।

मांझी ने कहा, ‘‘उन्होंने (माओवादियों) मुझे बताया कि ठेकेदार इंजीनियरों से मिलकर किसी भी परियोजना की ऊंची कीमत लगाते हैं और निम्न गुणवत्ता का काम करते हैं।’’

मांझी ने कहा, ‘‘उन्होंने कहा कि यदि किसी कार्य की वास्तविक कीमत तीन-चार लाख है तो 11 लाख रुपये का अनुमान दिया जाता है ताकि निम्न गुणवत्ता का काम करके सात-आठ लाख रुपये कमाये जा सकें।’’