मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सोमवार को कहा कि उनका कर्तव्य बनता है कि इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए अपने पूर्व उत्तराधिकारी नीतीश कुमार का समर्थन करें, पर उनकी भावना है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री दलित समुदाय से हो।
यहां मुख्यमंत्री आवास पर आज आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से मांझी ने कहा कि उनके मामले में लोग कर्तव्य और भावना को समझें। इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में अगर उनकी पार्टी को जनता सत्ता में आने का अवसर प्रदान करती है तो उनका कर्तव्य बनता है कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार का समर्थन करें।
उन्होंने कहा कि वह निश्चित तौर नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने के लिए अपनी पार्टी :जदयू: द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, क्योंकि हमारे दल ने उनके नेतृत्व में चुनाव लडने का निर्णय ले चुकी है।
महादलित समुदाय से स्वयं आने वाले मांझी ने कहा कि पर उनकी भावना है कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उनके स्थान पर अगला मुख्यमंत्री एक दलित को बनाया जाए क्योंकि एक दलित गरीब और दबे-कुचले लोगों का अधिक ख्याल रख सकेगा और अपने समुदाय के कल्याण के लिए काम करेगा।
पार्टी लाइन से हटकर मांझी के बयान के कारण जदयू के चुनावी आशाओं को नुकसान पहुंचने के कारण जदयू के भीतर उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने को लेकर कोशिश के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इसमें क्या गलत है। बिहार विधानमंडल के बजट सत्र को लेकर रणनीति तय करने के लिए जदयू विधायक दल की आगामी 20 या 23 फरवरी को बैठक होनी है और उसमें अगर उनके प्रदर्शन से पार्टी के विधायक अगर संतुष्ट नहीं हैं तो वह मुख्यमंत्री को लेकर निर्णय लेने को स्वतंत्र हैं।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद के उनके बयानों को लेकर असंतोष जताए जाने और जदयू के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार को उन्हें पद पर बनाए रखने पर विचार करने के लिए कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि मीडिया ने उनकी बातों को तोड-मरोडकर पेश किया।
नीरज कुमार सहित जदयू के कुछ प्रवक्ताओं के अपने बयानों के जरिए उन पर प्रहार करने के बारे में पूछे जाने पर मांझी ने कहा कि यह पार्टी का मामला है। जदयू और पार्टी के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार उसे देखेंगे।