Jharkhand Vidhansabha Chunav: झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। 13 नवंबर और 20 नवंबर को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। जबकि 20 नवंबर को वोटों की गिनती होगी और नतीजे आएंगे। इस बीच अगर झारखंड के इतिहास पर नजर डालें तो अभी तक चार चुनावों में कोई भी दल अकेले दम पर बहुमत नहीं ला पाया है। झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं और बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए।

3 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन

अब तक झारखंड में चार बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं लेकिन किसी भी दल को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला है। इसी कारण झारखंड में पिछले 24 सालों में 13 बार मुख्यमंत्री की शपथ दिलवाई गई है। अब तक झारखंड में केवल दो बार ही ऐसा हुआ है कि एक गठबंधन की सरकार लगातार 5 साल सरकार चल पाई हो। वहीं तीन बार राज्य में अस्थिरता के कारण राष्ट्रपति शासन भी लग चुका है। झारखंड राज्य का गठन वर्ष 2000 में किया गया था और बीजेपी के बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे। जब झारखंड का गठन हुआ था, तब बीजेपी के पास 32 विधायक थे। जबकि समता पार्टी के पांच और जेडीयू के तीन विधायक थे। सरकार तो पूरे 5 साल चली थी लेकिन बीच में ही बाबूलाल मरांडी की जगह अर्जुन मुंडा को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

3 बार बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी

2005 में झारखंड में पहली बार विधानसभा चुनाव हुआ। भाजपा अकेले 30 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी तो बन गई जबकि जेएमएम को 17 सीटें मिली थी। वहीं कांग्रेस को 9 और आजसू को दो सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद 2009 में विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी और जेएमएम को 18-18 सीटें मिली जबकि कांग्रेस को 14 और आजसू को 5 सीटें मिली थी।

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इसके बाद भाजपा में मोदी युग शुरू हुआ और 2014 के चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक 37 सीटें मिली थी। हालांकि पार्टी इस बार भी बहुमत से चार सीट दूर थी। हालांकि आजसू को 5 सीट मिली थी और उसके साथ एनडीए की सरकार बन गई। 2014 में जेएमएम को 19 और कांग्रेस को 6 सीट मिली थी।

2019 में JMM बनी सबसे बड़ी पार्टी

इसके बाद 2019 का विधानसभा चुनाव आया और जेएमएम को सबसे अधिक 30 सीट मिली। जबकि भाजपा को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली। आजसू को केवल दो सीटें ही मिल पाई। इस बार जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन ने मिलकर सरकार बनाई।

अब 2024 में झारखंड में पांचवीं बार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इस बार भी किसी को बहुमत मिलेगा या नहीं ये तो 23 नवंबर को ही पता चलेगा। लेकिन सच्चाई यह है कि अभी तक झारखंड में किसी को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला है।